आजम के जन्मदिन पर शायराना हुए अखिलेश, लिखा- ''झूठ के कितने जाल बिछा लो, सच फिर भी आजाद रहेगा''
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आजम के जन्मदिन पर शायराना हुए अखिलेश, लिखा- ''झूठ के कितने जाल बिछा लो, सच फिर भी आजाद रहेगा''

आजम खां इन दिनों अपनी पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं. बेटे अब्दुल्ला की अलग-अलग जन्मतिथियों के साथ दो जन्म प्रमाणपत्र, दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने के मामले में रामपुर एडीजे कोर्ट ने आजम परिवार को जेल भेजा था.

रामपुर सांसद आजम खां (L), सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (R).

लखनऊ: रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खां का आज 73वां जन्मदिन है. आजम खां का जन्म रामपुर में 14 अगस्त 1948 में हुआ था. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक शायरी ट्वीट कर आजम खां को बधाई दी है. अखिलेश ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''झूठ के कितने जाल बिछा लो सच तो फिर भी आज़ाद रहेगा. समाजवाद की मजबूत दीवार व संघर्षों की मशाल वरिष्ठ सपा नेता सांसद श्री आजम खां जी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं!''

पत्नी और बेटे के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं आजम
आजम खां इन दिनों अपनी पत्नी तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ सीतापुर जेल में बंद हैं. बेटे अब्दुल्ला की अलग-अलग जन्मतिथियों के साथ दो जन्म प्रमाणपत्र, दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने के मामले में रामपुर एडीजे कोर्ट ने आजम परिवार को जेल भेजा था. अखिलेश के अलावा समाजवादी पार्टी ने भी ट्वीट के जरिए आजम खां को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है. सपा ने ट्वीट किया है, ''अहंकारी सत्ता ने आपको झूठे मुकदमों में फंसा जेल में कैद कर रखा है. हमें विश्वास है न्यायलय से न्याय मिलेगा और आप जल्द हमारे बीच होंगे.''

योगी सरकार बनने के बाद बढ़ी हैं आजम की मुश्किलें
आपको बता दें कि यूपी में योगी सरकार आने के बाद से सपा सांसद आजम खां की मुश्किलें बढ़ी हैं. आजम और उनकी पत्नी-बेटे के खिलाफ कुल 83 मुकदमे दर्ज हैं. कुछ में गिरफ्तारी से उन्हें स्टे मिल गया है. वहीं कुछ मामलों में जमानत मिल गई. रामपुर प्रशासन की ओर से जौहर ट्रस्ट को आवंटित जमीनों की जांच में तमाम अनियमितताएं मिली थीं. इसके बाद योगी सरकार ने जौहर यूनिवर्सिटी को सरकारी कब्जे में लेने का आदेश दिया था.

आजम खां पर आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जौहर ट्रस्ट को जमीन देते वक्त स्टांप शुल्क में इस शर्त पर माफी दी गई थी कि जमीन पर चैरिटेबिल कार्य होंगे. जांच में बात सामने आई कि ट्रस्ट की इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालय चल रहा है और पिछले दस सालो वर्षों में चैरिटी का कोई कार्य नहीं हुआ है. इसके अलावा रामपुर प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बनीं जौहर यूनिवर्सिटी की बाउंड्री वॉल पर भी बुल्डोजर चलवा दिया था.

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