केदारनाथ आपदा में जान गंवाने वालों के कंकाल ढूंढने के​ लिए 10 सर्च टीमें रवाना, 7 दिन चलेगा ऑपरेशन
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand748707

केदारनाथ आपदा में जान गंवाने वालों के कंकाल ढूंढने के​ लिए 10 सर्च टीमें रवाना, 7 दिन चलेगा ऑपरेशन

गौरतलब है कि साल 2013 में 16-17 जून की रात आए प्रलय ने केदारनाथ घाटी में सबकुछ तबाह कर दिया था. इस आपदा में हजारों लोगों की जान गई थी और हजारों लोग हो गए थे. आपदा के सात सालों बाद भी लापता लोगों के नर कंकालों की खोज जारी है. 

आपदा के सात सालों बाद भी लापता लोगों के कंकालों की खोज जारी है.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा में लापता लोगों के नर कंकालों की खोज के लिए पुलिस और एसडीआरफ द्वारा चार दिवसीय सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है. बुधवार सुबह सोनप्रयाग से दस टीमें इस खोजबीन अभियान के लिए रवाना हो गईं. केदारनाथ एसपी नवनीत सिंह भुल्लर इन टीमों की निगरानी करेंगे. हर टीम का नेतृत्व एक-एक सब इंस्पेक्टर कर रहे हैं, जबकि टीम में उत्तराखंड पुलिस के दो कांस्टेबल और एसडीआरएफ के दो कांस्टेबल शामिल हैं. एक फार्मासिस्ट भी हर टीम के साथ तैनात हैं. 

सर्च अभियान के लिए 10 टीमों का हुआ गठन 
गठित की गई टीमों में जनपद रुद्रप्रयाग से तीन सब इंस्पेक्टर और आठ कांस्टेबल, जनपद चमोली से दो सब इंस्पेक्टर और छः कांस्टेबल, जनपद पौड़ी गढ़वाल से दो सब इंस्पेक्टर और छः कांस्टेबल, एसडीआरएफ से तीन सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और 19 कांस्टेबल, दस फार्मासिस्ट सहित कुल 60 लोग शामिल हैं. स्थानीय गाइड्स को रास्ता बताने के लिए हर टीम के साथ जोड़ा गया है.

UP: पूर्वांचल के 12 जिलों में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर 27 की मौत, कई बुरी तरह झुलसे

गौरतलब है कि साल 2013 में 16-17 जून की रात आए प्रलय ने केदारनाथ घाटी में सबकुछ तबाह कर दिया था. इस आपदा में हजारों लोगों की जान गई थी और हजारों लोग हो गए थे. आपदा के सात सालों बाद भी लापता लोगों के नर कंकालों की खोज जारी है. आपदा के समय लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए केदारनाथ से विभिन्न ट्रेकिंग मार्गों का सहारा लिया था मगर रास्ता भटकने के कारण उन्हें मौत का शिकार होना पड़ा. 

आपदा के बाद से आज तक हजारों लोगों के शव बरामद नहीं हो पाए हैं. अब सर्च अभियान चलाकर नर कंकालों की खोज की जा रही है और उनके डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं. बीते वर्षों में भी इस आपदा में लापता लोगों के मृत शरीर व नर कंकालों की खोज के लिए टीमें गठित कर सर्च अभियान चलाया गया था. मिले हुए नर कंकालों का डीएनए सैंपल लेने के बाद रीति-रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया था. 

उत्तराखंड: अल्मोड़ा के 11 गांव बनेंगे 'आदर्श ग्राम', राज्य सरकार की कई योजनाएं होंगी लागू

गूगल मैप की ली जाएगी मदद
पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हर टीम को पर्याप्त मात्रा में कैम्पिंग टेंट, स्लीपिंग बैग, मैट्रस, रसद सामग्री, आवश्यक सुरक्षा उपकरण, वायरलेस सेट, फोटो-वीडियोग्राफी के लिए कैमरे भी उपलब्ध कराए गए हैं. सभी मार्गों पर चलाए जाने वाले खोजबीन अभियान को सफल व सार्थक बनाने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल किया जाएगा. मैप रीडिंग के लिए हर टीम के साथ एसडीआरएफ कार्मिक नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि तीन कठिन मार्गों में जाने वाली टीम के सहयोग के लिए स्थानीय स्तर पर गाइड व पोर्टरों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

इन ट्रैक मार्गों पर चलाया जाएगा सर्च अभियान
1.केदारनाथ से वासुकिताल,
2.गौरीकुण्ड से केदारनाथ एवं वर्तमान में उपयोग में लाये जा रहे मार्ग के आस-पास का क्षेत्र
3.कालीमठ-चैमासी-रामबाड़ा
4.रामबाड़ा का ऊपरी क्षेत्र
5.जंगलचट्टी का ऊपरी क्षेत्र
6.केदारनाथ बेस कैम्प का ऊपरी क्षेत्र
7.केदारनाथ मन्दिर का क्षेत्र 
8.गौरीकुण्ड से गोऊंमुखड़ा
9.केदारनाथ से चैराबाड़ी एवं आसपास का क्षेत्र
10.त्रियुगीनारायण से गरूड़चट्टी होते हुए केदारनाथ
11.गौरीकुण्ड से मुनकटिया का ऊपरी क्षेत्र होते हुए सोनप्रयाग

WATCH LIVE TV

Trending news