Millet Roti: इस रोटी से कंट्रोल हो जाएगा डायबिटीज, जरूर करें डायट में शामिल
Millet Roti Recipe: डायबिटीज यानि शुगर को कंट्रोल करने के लिए हम कुछ घरेलु नुस्खे अपनाते हैं. अगर आप अपनी रोटी बदल लें तो इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं,
Millet Roti Recipe: आजकल लाइफस्टाइल बदलने से कई रोग हमारे शरीर को घेर लेते हैं. ब्लड प्रेशर और शुगर जिसे हम डायबिटीज भी कहते हैं ये रोग बहुत आम हो गए हैं. शुगर के कारण शरीर कमजोर हो जाता है, इम्युनिटी कम हो जाती है. कुछ मरीजों में लगातार शरीर में दर्द और थकान रहती है. डायबिटीज का अब तक कोई परमानेंट इलाज नहीं है लेकिन इस गंभीर बीमारी को लाइफस्टाइल में बदलाव और सही खानपान के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज के मरीज अगर गेंहू के आटे की जगह इन अनाजों के आटे की रोटी खाएंगे तो इससे उनका स्वाद भी बदल जाएगा और सेहत भी सुधर जाएगी.
रामदाने का आटा
रामदाना सेहत के लिए वरदान है. कुछ लोग इसे राजगिरा या अमरंथ के नाम से भी जानते हैं. ज्यादातर लोग इसे व्रत में खाते हैं. लेकिन शुगर पेशेंट को यह आटा केवल व्रत के दिन ही नहीं बल्कि रोज खाना चाहिए. यह जितना शुद्ध माना जाता है उतना ही पौष्टिक भी होता है. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले रामदाना के आटे में कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा होती है. यह आटा शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है और आपको सेहतमंद बना सकता है. अगर आप इस आटे की रोटी नहीं खाना चाहते हैं तो चीला या लड्डू बनाकर भी इसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.
इस खबर को जरूर पढ़ें- Ajwain Paratha Recipe: ऐसे बनाए अजवाइन का हेल्दी और टेस्टी पराठा, कब्ज, गैस और ये परेशानी होगी खत्म
रागी का आटा
रागी या मंडुए के आटे में शुगर लेवल को कम करने के सभी गुण मौजूद हैं. रागी में कैल्शियम, आयरन के साथ फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अच्छी होती है, इसे खाने पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख कम लगती है. पहाड़ों में मिलने वाला ऑर्गनिक रागी आटा शुगर मरीजों को जल्दी से तंदुरुस्त बना सकता है. रागी के आटे से रोटी के अलावा, चीला, हलवा और लड्डू भी बनाया जाता है.
जौ का आटा
जौ का आटा हमारे पूर्वजों के खान पान का सबसे जरूरी हिस्सा था. विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन, मैग्नीशियम के साथ कैल्शियन और प्रोटीन से भरपूर जौ का आटा डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जौ ताकत देता है और इम्युनिटी भी बढ़ाता है. जौ में फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है जो पेट की बीमारियों को भी दूर करता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.