नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तगड़ा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है. इस जीत के साथ सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार का राजनीतिक झगड़ा भी सुलझता दिख रहा है. अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा की शानदार जीत पर पहली बार उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर बधाई दी है. साल 2016 के अगस्त में पहली बार अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव का राजनीतिक झगड़ा सार्वजनिक हुआ था. इसके बाद ये पहला मौका है जब शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा को मिली सफलता की तारीफ की है. हालांकि ट्वीट में शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया है. 


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शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट में लिखा है, 'समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक विजय पर फूलपुर एवं गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता, समाजवादी पार्टी के कुशल नेतृत्व, कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं विजयी प्रत्याशियों को बहुत-बहुत बधाई. कड़ी मेहनत व सामाजिक न्याय की साझी जमीन पर लिखी गई यह खूबसूरत कहानी मील का पत्थर साबित हो, ऐसी मंगल कामना.'



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अखिलेश यादव ने भी स्वीकारी है झगड़ा सुलझने की बात
पिछले दिनों अखिलेश यादव एक निजी टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान कहा था कि परिवार में अब कोई झगड़ा नहीं है. अखिलेश ने कहा था कि होली पर वह जब घर गए थे तो उन्होंने चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. सत्ता चले जाने के बाद परिवार में सारा झगड़ा खत्म हो चुका है. उन्होंने ये भी कहा था कि चाचा शिवपाल फिलहाल विधायक हैं. साल 2022 में अगर वे चाहेंगे तो वे उन्हें राज्य सभा भेज देंगे.


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मालूम हो कि अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो कई फैसलों को लेकर उनका चाचा शिवपाल सिंह यादव से मनमुटाव हो गया था. पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चाचा-भतीजे के बीच लड़ाई इस कदर बढ़ गई थी कि अखिलेश यादव ने अचानक से पार्टी की बैठक बुलाकर पिता मुलायम सिंह यादव को सपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और चाचा शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था. इस झगड़े का असर यूपी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था. 


सपा के लिए केवल अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल प्रचार कर रही थीं. शिवपाल सिंह यादव और मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया था. चुनाव के बीच में शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी बनाने का ऐलान तक कर दिया था. इस घटना पर अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंच से दुख जताया था और कहा था कि चाचा शिवपाल उनके साथ जैसा व्यवहार कर रहे हैं उससे वे बहुत आहत हैं.