उत्कर्ष चतुर्वेदी, लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) में लंबे समय से हाशिए पर चल रहे वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव पार्टी छोड़ सकते हैं. भतीजे अखिलेश यादव के पार्टी की कमान संभालने के बाद से ही शिवपाल हाशिए पर हैं. जी न्यूज से बातचीत में शिवपाल सिंह यादव ने कहा, 'मुझे जब-जब बुलाया गया मैं गया, दावत में शामिल होने के लिए टेलीफोन किया गया तो उस तक में पहुंच गया. जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा.' शिवपाल ने आगे कहा, 'सपा के अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है, उन्हें पद देना शुरू किया है.' यहां आपको बता दें कि साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा बनाने की घोषणा की थी. अब उन्होंने सपा के लोगों से अपील की है जो भी चाहते हैं वे इस मोर्चा का हिस्सा बन सकते हैं. 


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जब शिवपाल से पूछा गया कि क्या वे समाजवादी पार्टी के खिलाफ काम करेंगे? इसके जवाब में शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि ये तो वक्त बताएगा. यहां गौर करने वाली बात यह है कि इन दिनों सपा में नाराज चल रहे नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. पिछले दिनों पार्टी की यंग फेस पंखुड़ी पाठक ने इस्तीफा दिया था. अगर शिवपाल सिंह यादव पार्टी छोड़ते हैं तो यह बड़ा नुकसान हो सकता है.


सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव ने स्वीकार किया कि अमर सिंह से उनकी फोन पर बातचीत हुई है. जब उनसे पूछा गया कि क्या अमर सिंह ने बीजेपी के बड़े नेता के साथ उनकी मीटिंग फिक्स कराई थी? इस पर शिवपाल ने कहा कि एक दिन जब उनका फोन आया तो मैंने उनसे बात करने के लिए मना कर दिया था. अगले दिन उनसे बात हुई तो मैंने उनसे कहा कि फिलहाल सपा में ही काम करूंगा, इसके बाद इस मुद्दे पर कभी कोई बात नहीं हुई. शिवपाल यादव ने कहा कि वे निजी तौर पर चाहते हैं कि पूरा परिवार एक साथ रहे, लेकिन ये नहीं बता सकते हैं कि यह एकजुटता कब तक रहेगी.


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मालूम हो कि समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने दावा किया है कि सपा में हाशिये पर पहुंच चुके वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव की बीजेपी के एक शीर्ष नेता से मुलाकात बिल्कुल तय थी, मगर यादव उसके लिए नहीं पहुंचे. सिंह ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा ‘मैंने बीजेपी के शीर्ष नेता से शिवपाल के लिए बात की थी. बैठक के लिए समय भी तय हो गया था, लेकिन शिवपाल नहीं पहुंचे. मुझ पर उनकी कोई राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं है. मैं उनके संपर्क में नहीं हूं.’ इस बारे में और खुलासा करने के सवाल पर उन्होंने कहा ‘शिवपाल तो आप लोगों के आसपास ही रहते हैं. आप उनसे पूछ सकते हैं.‘


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विधानसभा चुनाव से पहले परिवार में पसरा था झगड़ा
साल 2016 अगस्त में पहली बार मुलायम सिंह यादव के परिवार में झगड़ा पसरा था. मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी की कमान किसके हाथ में हो इस बात को लेकर शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी. काफी ऊठापटक के बाद अखिलेश यादव ने 1 जनवरी 2017 को पार्टी कार्यकारिणी पद की बैठक बुलाकर पिता मुलायम को हटाकर खुद को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था. साथ ही चाचा शिवपाल यादव से यूपी प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया था.


साल 2017 के मार्च में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में सपा की करारी हार के बाद यह झगड़ा शांत हो गया था. इसी साल फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा की जीत के बाद शिवपाल यादव ने पार्टी नेतृत्व की तारीफ की थी. इसके अलावा परिवार के कई आयोजनों में अखिलेश और शिवपाल साथ दिखे थे. अखिलेश यादव भी कई इंटरव्यू में कह चुके हैं कि सत्ता जाने के बाद परिवार में सारा झगड़ा सुलझ गया है. माना जा रहा था कि परिवार में सबकुछ ठीक हो गया है, लेकिन पिछले कुछ समय से शिवपाल यादव लगातार आरोप लगा रहे हैं कि पार्टी में उनकी उपेक्षा हो रही है.