नई दिल्लीः ताजमहल संरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकाई लगाई थी. कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि चार हफ्ते के भीतर विजन डॉक्यूमेंट कोर्ट में दें. कोर्ट ने कहा था कि हम ताजमहल को लेकर चिंतित है, सरकार की किसी एक्टिविटी का हम विरोध नहीं करते, लेकिन हम लोकेशन को लेकर चिंतित हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा था कि बिना विजन डॉक्यूमेंट के हम, आपकी किसी और अर्जी पर सुनवाई नहीं करेंगे. बिना विजन डॉक्यूमेंट के मामले की सुनवाई कैसे करे? विजन डॉक्यूमेंट के बाद ही मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी.  


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इससे पहले पिछले साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ताजमहल का हेरिटेज प्लान यूनेस्को को देने से पहले ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, इसे आठ हफ्ते में फाइनल कर लिया जाएगा.



विजन डॉक्यूमेंट ड्राफ्ट कमेटी की अधिकारी और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की मीनाक्षी धोते ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेन्ट के बारे में ईमेल और कागजों पर सुझाव मिल रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि एएसआई से भी इस बाबत बातचीत हो रही है, उनके एक्सपर्ट से बात करके सुझाव लिए जा रहे हैं.कोर्ट ने कहा था कि विजन डॉक्यूमेंट मिलते ही उसे पब्लिक डोमेन में डाल दें.उधर, यूपी सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट को सीक्रेट बताया था जिस पर कोर्ट ने कहा था कि विजन डॉक्युमेंट को पब्लिकली किया जाए.


आपको बता दें कि 24 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल संरक्षण के लिए बन रहे विजन डॉक्यूमेंट का शुरुआती ड्राफ्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था. ड्राफ्ट विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया था कि ताजमहल के आसपास के पूरे इलाके को 'नो प्लास्टिक जोन' घोषित किया जाए, वहां बोतलबंद पानी पर प्रतिबंध लगाया जाए. विजन डॉक्यूमेंट में प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री पर बैन लगाने की भी बात की गई है. साथ ही यूपी सरकार ने कहा था कि ताजमहल के प्रदूषणकारी उद्योग हटेंगे और यमुना रिवरफ्रंट के साथ पदयात्रियों के लिए सड़क बनेगी,इससे यातायात घटेगा.