मनमीत गुप्ता/अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का काम जोरो-शोरों से चल रहा है. पिलर्स के टेस्ट पाइलिंग की रिपोर्ट के बाद अब निर्माण करने वाली कंपनियों के नाम भी सामने आ गए हैं. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया है कि लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) कंपनी और टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर्स (Tata Consulting Engineers) की सहयोगी कंपनी मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगी. इसके लिए ट्रस्ट ने दोनों ही कंपनियों के साथ अनुबंध साइन कर लिया है. 


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39 महीने में पूरा होगा काम 
उन्होंने आगे बताया कि दोनों ही कंपनियां मिलकर ये तय कर रही हैं कि नींव निर्माण का काम कब से शुरू किया जाए. ट्रस्ट को उम्मीद है कि काम जल्द शुरू हो जाएगा और 39 महीने में इसे पूरा भी किया जाएगा. फिलहाल, आईआईटी चेन्नई की रिपोर्ट टाटा कंसल्टेंसी के पास मौजूद है. बैठकों का क्रम जारी है.  टीम अध्य्यन कर रही है कि पिलर्स को कितना गहरा बनाया जाएगा. 


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1000 साल तक सुरक्षित बनाने का है प्लान 
इससे पहले आईआईटी चेन्नई ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहेगा. वह भूकंप से भी बचने में सक्षम होगा. पिलर्स को लेकर भी डिटेल्स सामने आई हैं. जानकारी के मुताबिक, मंदिर दो फ्लोर का होगा. ग्राउंड फ्लोर पर 160 पिलर्स होंगे और पहले तल पर 132 पिलर्स होंगे.  वहीं, दूसरे तल पर 74 पिलर्स होंगे. 


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ट्रस्ट ने मांगा था प्लान 
कुछ समय पहले सोशल मीडिया के सहारे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर के  इंजीनियर्स, डिजाइनर्स और आर्किटेक्ट्स से सुझाव मांगा था. जानकारी के मुताबिक, भव्य मंदिर के साथ ही साथ मंदिर परिसर में संग्रहालय, ग्रंथालय , 360 डिग्री रंगभूमि, यज्ञशाला, सम्मेलन केंद्र, सत्संग भवन, धर्मशाला, अभिलेखागार, अतिथि भवन , अनुसंधान केंद्र, प्रशासनिक भवन , आवासीय परिसर, प्रदर्शनी, तीर्थ यात्री सुविधा, पार्किंग , संगीत फव्वारे आदि बनाने का भी योजना है. 


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