तेजस ट्रेन में तैनात 20 लोगों ने बिना नोटिस के नौकरी से निकाले जाने का लगाया आरोप
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तेजस ट्रेन में तैनात 20 लोगों ने बिना नोटिस के नौकरी से निकाले जाने का लगाया आरोप

कैबिन क्रू से हटाए गए कर्मचारियों ने रेल मंत्री से मदद मांगी है.

नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने रेल मंत्री से मदद मांगी है.

लखनऊ: देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस (Tejas) के कैबिन क्रू में तैनात 20 लोगों को बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाले जाने का मामला सामने आया है. लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस ट्रेन में तैनात 20 केबिन क्रू मेंबर्स ने बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिए जाने का आरोप लगाया है. कैबिन क्रू से हटाए गए कर्मचारियों ने रेल मंत्री से मदद मांगी है.

आपको बता दें कि लखनऊ-दिल्ली तेजस ट्रेन में हॉस्पिटालिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स (आरके एसोसिएस) की है. ये कंपनी प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर आईआरसीटीसी के साथ से जुड़ी हुई है. इस फर्म ने केबिन क्रू व अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों की हायरिंग की थी. लेकिन एक महीने के भीतर 15 से 20 लोगों को हटा दिया जिनमें लड़कियां भी हैं.

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केबिन क्रू ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हमने बिना सैलरी के 18-18 घंटे काम किया. इसके बावजूद कंपनी के एचआर ने हमें बिना किसी नोटिस के फायर कर दिया है. वहीं आईआरसीटीसी के सूत्रों का कहना है कि उन क्रू मेंबर्स को हटाया गया है जिनका परफॉरमेंस या तो अच्छा नहीं था या फिर जितनी जरूरत थी उतने ही क्रू मेंबर को अब रखा गया है.

आपको बता दें कि बीते चार अक्टूबर से तेजस ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चलना शुरू हुई. इसका परिचालन आईआरसीटीसी कर रहा है. लेकिन हॉस्पिटालिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स (आरके एसोसिएस) की है. ये कंपनी प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर आईआरसीटीसी से जुड़ी हुई है. इस फर्म ने केबिन क्रू व अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों की हायरिंग की थी. 
 

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