संदीप सिंह/मनाली: कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में हिमाचल प्रदेश कुछ दिन तो बचा रहा, लेकिन लॉकडाउन हटने के बाद तेज़ी से मामले बढ़े. लाहौल स्पीति जिले में पहले के 2-3 महीनों तक कोरोना का एक भी केस नहीं आया था, लेकिन इस वक्त हालात बेकाबू हो गए हैं. ऐसे हालातों के बावजूद 52 वर्षीय शख्स ने यह दिखा दिया कि अगर पूरी ईमानदारी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए तो कोरोना से बचा जा सकते है.


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दो गज दूरी, मास्क है जरूरी
52 साल के भूषण ठाकुर पूरे गांव में अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो कोरोना वायरस की चपेट से बाहर हैं. जबकि, भूषण की पत्नी और पूरा परिवार भी कोरोना पॉजिटिव हैं. भूषण ने खुद बताया है कि जब से उनके गांव में कोरोना ने दस्तक दी था, तभी से वह अलग कमरे में रहने लगे थे. इतना ही नहीं, वह अपना भोजन भी खुद ही बनाते थे. मामले बढ़ने पर भूषण ने परिजनों के साथ अपना भी सैंपल दिया. रिपोर्ट में परिवार के सभी लोग पॉजिटिव पाये गए, लेकिन भूषण की रिपोर्ट निगेटिव आई. भूषण इसकी सबसे बड़ी वजह यह मानते हैं कि उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी ईमानदारी से पालन किया है.


लाहौल की कोरोना रिपोर्ट
लाहौल स्पीति में कोरोना के 372 एक्टिव मामले हैं. CMO लाहौल स्पीति पलजोर बोध ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि थोरंग गांव में एक व्यक्ति को छोड़ 41 अन्य ग्रामीण कोरोना संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है. 


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