अमेठी लोकसभा सीट पर नतीजों के रुझान के बाद सियासी पारा चढ़ा
स्थानीय लोगों से बात कर यह भी महसूस हुआ कि इस बार आम जनता को संभवत: इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है.
Trending Photos
)
अमेठी: उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट का समीकरण इस बार बदलता दिख रहा है. सियासी पारा भले ही चढ़ रहा हो लेकिन गौरीगंज (अमेठी) की सड़कें वीरान हैं. गौरीगंज की जनता कहती है कि वजहें दो हैं... एक तो तापमान लगभग 42 डिग्री सेल्सियस के पार हो गया है और दूसरा कडे़ सुरक्षा बंदोबस्त और प्रशासन की ओर से किसी तरह का जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दिया जाना. निषेधाज्ञा भी लागू है.
स्थानीय लोगों से बात कर यह भी महसूस हुआ कि इस बार आम जनता को संभवत: इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है. उनका कहना है कि 2014 के चुनाव में भी प्रशासन की ओर से तमाम प्रतिबंध लगाये गये थे लेकिन मतगणना के दौरान ही कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आये थे और जैसे-जैसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जीत करीब आ रही थी, कार्यकर्ताओं का हुजूम बढ़ता जा रहा था.
अमेठी का जिला मुख्यालय गौरीगंज में ही है. गौरीगंज बाजार के दुकानदार कहते हैं कि पिछले चुनावों जैसा जोश इस बार गायब दिख रहा है. वजह पूछने पर बताते हैं कि इस बार चुनाव में उस तरह का राजनीतिक माहौल नहीं बना, जो हर बार बनता था. भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी की ओर से जोर शोर से प्रचार जरूर किया गया लेकिन कांग्रेस की ओर से पहले जैसा उत्साहपूर्ण माहौल बनता नहीं नजर आया.
अधिवक्ता प्रमोद कुमार मौर्य ने बताया कि अब चुनाव की मतगणना लोग टीवी पर बैठकर देखना पसंद कर रहे हैं. शादी ब्याह का मौसम है और सबको पता है कि आज गौरीगंज का बाजार अधिकतर बंद है इसलिए भी लोग सड़कों पर नहीं आये. शिक्षक जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि इस बार प्रशासन चौकन्ना है. ईवीएम गड़बड़ी के आरोप के बाद ज्यादा निगरानी बरती जा रही है. अमेठी देश की सबसे वीआईपी सीट है.
जब पूछा गया कि जिस तरह 2014 में कांग्रेस कार्यकर्ता रूझान आने के समय ही सड़कों पर उतर आया था, इस बार रूझानों में बढ़त हासिल करती दिख रही भाजपा के कार्यकर्ता क्यों नहीं नजर आ रहे तो उन्होंने बताया कि भाजपा के गौरीगंज और अमेठी कार्यालयों पर उत्साह का माहौल है. अंतिम नतीजे आने तक सबको रोका गया है.
More Stories