हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस कस्टडी में टॉर्चर से मौत, महत्वपूर्ण साक्ष्यों की अनदेखी, साक्ष्य मिटाने और गढ़ने का प्रयास और प्रभावी लोगों का इंवेस्टिगेशन को हाईजैक करने की कोशिश हुई है, जिसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराना जरूरी है.
Trending Photos
प्रयागराज: जौनपुर के बक्सा थाना पुलिस की हिरासत में 24 साल के पुजारी कृष्णा यादव (Pujari Death in Jaunpur Police Custody) की हुई मौत के मामले की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने यूपी पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई (Central Bureau of Investigation) को सौंप दी है. हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जब पुलिस अधिकारी और थाना इंचार्ज आरोपी हैं तो पुलिस से जांच में निष्पक्षता और न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती.
पुलिस ही आरोपी, वह निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस कस्टडी में टॉर्चर से मौत, महत्वपूर्ण साक्ष्यों की अनदेखी, साक्ष्य मिटाने और गढ़ने का प्रयास और प्रभावी लोगों का इंवेस्टिगेशन को हाईजैक करने की कोशिश हुई है, जिसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराना जरूरी है. पुलिस ने कई महीने बीतने के बावजूद इस मामले में किसी भी आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं की है. हाई कोर्ट ने कहा कि जौनपुर के मौजूदा एसपी अदालत में पेश होकर 2 दिनों की मोहलत मांगने के बावजूद एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करा पाए. यूपी पुलिस इस केस के डॉक्यूमेंट सीबीआई को सौंप दे.
बीते 11 फरवरी को पुलिस ने कृष्णा को पकड़ा था
यह आदेश जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने एसओजी टीम इंचार्ज और बक्सा थाना प्रभारी अजय कुमार यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया. हाई कोर्ट ने सीबीआई और राज्य सरकार से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है. अब याचिका पर अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी. सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव ने अपना पक्ष रखा था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 24 साल के कृष्णा यादव को पुलिस 11 फरवरी 2021 की रात उसके घर से पकड़कर ले गई थी.
बारह फरवरी को कृष्णा यादव की मौत हो गई थी
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने रात में पुजारी कृष्णा यादव के घर की तलाशी के दौरान बक्से का ताला तोड़कर 60 हजार रुपए और जेवरात उठा ले गए. घर वालों को थाने में कृष्णा यादव से मिलने नहीं दिया गया. पुलिस ने हिरासत में उसे काफी टॉर्चर किया. कृष्णा यादव की 12 फरवरी की सुबह मौत हो गई. पुलिस डायरी में लिखा गया कि मृतक मोटरसाइकिल की टक्कर से घायल हो गया था और उसे भीड़ ने पीटा था. उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, वहां से जिला अस्पताल, लेकिन बचाया नहीं जा सका. मृतक भाई ने आरोप लगाया कि 10-12 पुलिस वाले घर आए थे कृष्णा यादव को लेकर गए, थाने में पीटकर उसकी हत्या कर दी.
WATCH LIVE TV