Muradabadi Daal Chaat: क्या आपने कभी दाल को चाट या स्नैक्स की तरह खाया है.अगर नहीं खाया है तो आज हम बताते हैं यूपी के मुरादाबाद में मिलने वाली मूंग दाल के बारे में. यहां की दाल बहुत मशहूर है. खास बात है कि इसको मुरादाबादी दाल कहा जाता है. दाल मुरादाबादी चाट एक ऐसा चाट या स्नैक में शामिल व्यंजन है जिसकी उत्पत्ति “मुरादाबाद” में हुई, जिससे इसका नाम ही Muradabadi Dal Chaat हो गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बहुत अलग है खुर्जा की 'खुरचन', 100 साल से भी पुराना है जायका


इस दाल के पीछे है दिलचस्प कहानी
मुरादाबादी दाल की चाट कैसे बनी इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी बताई जाती है. कहा जाता है कि मुगल शासक शाहजहां के सुपुत्र प्रिंस मुराद जिन्होंने मुरादाबाद शहर की स्थापना की थी. प्रिंस को राजस्थानी मसाले और स्वाद पसंद था, वो खाने के शौकीन थे. वो स्वाद बदलते रहते थे. कहा जाता है कि उन्होंने दाल के साथ प्रयोग किया और मसालों का बदल-बदल कर इस्तेमाल किया और इस तरह से ये स्वादिष्ट स्नैक तैयार हुआ.


कई तरह से खा सकते हैं चटपटी मुरादाबादी दाल
इस दाल को कभी भी खा सकते हैं. इसके लिए चपाती या चावल की भी जरुरत नहीं होती है. इस दाल को पकाते समय जो मलाई पड़ती है वो काफी जायकेदार होती है. आप इसका लुत्फ मक्खन में सिखे पाव, रुमाली रोटी या सादा रोटी के साथ ले सकते हैं. मुरादाबादी दाल चाट को भरपेट खाया जा सकता है क्योंकि यह सभी दालों में सबसे हल्की मानी जाती है.


इगलास की मशहूर 'चमचम' के स्वाद के आगे फीके सब पकवान, आजादी से पहले शुरू हुई थी दुकान


पौष्टिकता से भरपूर होती है मुरादाबादी दाल
दाल मुरादाबादी जितनी खाने में स्वाद भरी होती है उतनी ही पोष्टिक भी होती है. इसमें धुली मूंग दाल (without skin) का उपयोग किया जाता है. अगर मूंग दाल की पोष्ठिकता के बारे में हम विचार करते है तो पता चलता है कि मूंग दाल में लगभग सभी जरूरी तत्व होते हैं, जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नेशियम, फोस्फौर्स एवं आयरन आदि. इन्ही सब गुणों के कारण मुरादाबादी दाल की चाट (Muradabadi Dal Chaat) अपने आप में एक विशेष या कहें कि खाने की सूची में विशिष्ठ स्थान रखती है.


जानें कुछ खास बातें 'वक्त' और 'घड़ी' के बारे में, जानें किसने किया था आविष्कार?


चटपटी होती है दाल मुरादाबादी
पहले ये दाल मुरादाबाद में ही मिलती थी लेकिन अब कई शहरों में इस दाल के स्टॉल देखे जा सकते हैं. मुरादाबादी दाल ऐसी चटपटी एवं पोष्टिक डिश है जिसके बिना वेस्टर्न उत्तर प्रदेश के सारे शादी, विवाह, समारोह या उत्सवों के खाने अधूरे से हैं. दाल मुरादाबादी चाट का जायका बहुत ही मजेदार होता है. 


मुरादाबाद का इतिहास
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश राज्य में एक शहर है. यह 16वीं सदी में मुगल सम्राट शाहजहां के पुत्र मुराद द्वारा स्थापित किया गया था. मुरादाबाद रामगंगा के दाहिने किनारे पर बसा है. इतिहास की बात करें तो मुरादाबाद का सबसे पुराना नाम चौपला हुआ करता था. चार गांव थे देहरी, भदौरा, दीनदारपुरा, मानपुर नारायणपुर.


पीतल नगरी के नाम से मशहूर है मुरादाबाद
मुरादाबाद पीतल के काम के लिए प्रसिद्ध है और दुनिया भर में हस्तशिल्प उद्योग में खुद के लिए एक जगह बनाई है. आधुनिक कारीगरों द्वारा बनाए गए आधुनिक, आकर्षक, और कलात्मक पीतल के बर्तन, गहने और ट्राफियां मुख्य शिल्प हैं. आकर्षक पीतल के बर्तन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया जैसे देशों को निर्यात किए जाते हैं.


भारत का नहीं है हर दिल अजीज 'समोसा', जानें India पहुंचने का रोचक इतिहास


WATCH LIVE TV