नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2021-22 के ​लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बजट पेश कर रही है. कोरोना काल से पहले ही सुस्ती पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इस बजट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार का बजट डिजिटल बजट है, ये ऐसे वक्त में आ रहा है जब देश की GDP लगातार दो बार माइनस में गई है, लेकिन ये ग्लोबल इकोनॉमी के साथ ऐसा ही हुआ है. साल 2021 ऐतिहासिक साल होने जा रहा है. होम लोन लेने वालों को मोदी सरकार ने इस बजट में राहत दी है.


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अफोर्डेबल हाउसिंग पर ब्याज सीमा छूट बढ़ी
निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए कम कीमत के घर खरीदने वालों और किराए पर रहने वालों को थोड़ी राहत का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब बैंक लोन लेकर सस्ते मकान खरीदने वालों को Tax में 1.5 लाख रुपये की छूट के प्रावधान को एक साल के लिए बढ़ाया जा रहा है. इसका मतलब है कि किफायती घर खरीदने के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट की अवधि बढ़कर अब 31 मार्च 2022 हो गई है. अफोर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग- जुलाई 2019 में 1.5 लाख के इंटरेस्ट पर टैक्स में राहत दी गई. अगर आप घर खरीदते हैं, तो आप जो लोन मार्च 2022 तक लेंगे, उस पर भी यह सुविधा मिलेगी. इसके अलावा वित्त मंत्री ने प्रवासी कामगारों के लिए सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराने की योजना का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सभी के लिए घर और रियायती दर पर घर मुहैया कराना सरकार का टारगेट है.


डिजिटल जनगणना
बजट 2021 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि डिजिटल जनगणना होगी. इसके लिए 3750 करोड़ आवंटित किया है. यह दुनिया का सबसे बडा टास्क है. ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब देश में डिजिटल जनगणना होगी. डिजिटल जनगणना के लिए सरकार ने 3,760 करोड़ रुपये देने का एलान किया है, हालांकि अभी तक यह नहीं बताया गया है कि डिजिटल जनगणना के लिए कौन-सी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा. संभव है कि जनगणना की प्रक्रिया Online की जाए या फिर जनगणना करने वाले अधिकारियों को फॉर्म की जगह Tab इस्तेमाल किया जाए.


35 हजार करोड़ रुपये का फंड
बजट में कोरोना वैक्सीन के बारे में सीतारमण ने बताया कि दो और कोरोना वैक्सीन जल्द आएंगी. वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया. हेल्थ सेक्टर के लिए बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी, पहले 94000 करोड़ से बढ़कर दो लाख 22 हजार करोड़ हुआ. कोविड 19 के कारण भारत में प्रति 10 लाख पर मत्युदर 112 व्यक्ति है. जबकि प्रति 10 लाख पर एक्टिव केस केवल 130 हैं. समय से लॉकडाउन का हमें फायदा मिला. इससे हमें इकोनॉमिक रिवायवल में भी मदद मिलेगी.


बही-खाता की जगह टैब
इस बार के बजट में पारंपरिक बही-खाता को टैबलेट से रिप्लेस किया गया है. इस बार का बजट डिजिटल (पेपरलेस) है जिसे एक टैबलेट के जरिए पढ़ा जा रहा है. पारंपरिक बही-खाता की जगह अब मेड इन इंडिया टैबलेट ने ले ली है.


संसद पहुंचने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और वित्त वर्ष 2021-22 की बजट को लेकर उन्हें ब्रीफ किया था.


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