LIC के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में उतारेगी. इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए अपनी हिस्सेदारी खरीद सकेंगे.
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नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बजट पेश कर रही है. कोरोना काल से पहले ही सुस्ती पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इस बजट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बार का बजट डिजिटल बजट है, ये ऐसे वक्त में आ रहा है जब देश की जीडीपी लगातार दो बार माइनस में गई है, लेकिन ये ग्लोबल इकोनॉमी के साथ ऐसा ही हुआ है. साल 2021 ऐतिहासिक साल होने जा रहा है. इस बजट में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि इस साल LIC का IPO आएगा. आईपीओ के बारे में आम लोगों को कम पता होता है. हम आपको बताते हैं कि ये क्या होता है और सरकार इसको क्यों ला रही है.
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क्या होता है आईपीओ
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश कहा जाता है. यानी एलआसी के आईपीओ को सरकार आम लोगों के लिए बाजार में उतारेगी. इसके बाद लोग एलआईसी में शेयर के जरिए अपनी हिस्सेदारी खरीद सकेंगे.
कोई भी खरीद सकता है IPO, DEMAT खाता जरूरी
LIC का IPO कोई भी खरीद सकता है. इसके लिए Demat खाता होना जरूरी है. बिना Demat के शेयर नहीं मिलेगा. बाजार नियामक सेबी ने पहले ही यह नियम बना रखा है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही शेयर खरीदे जा सकते हैं. इसके लिए आपको किसी ब्रोकरेज हाउस में खाता खुलवाना होगा. बैंक भी Demat खाते की सुविधा देते हैं. फिर Demat खाता आपके बैंक खाते से जुड़ जाएगा. IPO खुलने पर आप इसे सबस्क्राइब कर सकते हैं. हालांकि इसमें फिक्स शेयरों का लॉट होता है. इससे आप स्टॉक, IPO, म्यूचुअल फंड और Gold में खरीदारी कर सकते हैं.
बजट में क्या था ऐलान
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए यह ऐलान किया था कि एलआईसी को शेयर बाजार में उतारा जाएगा यानी उसका आईपीओ लाया जाएगा. बजट 2020-21 में विनिवेश प्रक्रिया से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया.
बता दें कि इस समय LIC की कुल संपत्तियां करीबन 32 लाख करोड़ रुपये है. LIC में सरकार की कैपिटल महज 100 करोड़ रुपए है. हालांकि पिछले 50 सालों से यह केवल 5 करोड़ रुपए थी और 2012 में इसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये किया गया. जानकार बताते हैं कि चूंकि 100 करोड़ के कैपिटल पर आईपीओ का जो शेयर आएगा वह महंगा हो सकता है. हालांकि अभी इसका एम्बेडेड वैल्यू निकाला जाएगा उसके बाद यह तय होगा कि शेयर की कीमत कितनी होगी.
FDI को बढ़ाकर 74 फीसदी किया गया
आज के बजट में बीमा क्षेत्र पर सरकार का बड़ा फैसला है कि FDI को बढ़ाकर 74 फीसदी किया गया है. बजट में सरकारी बैंकों को 20000 करोड रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी. बजट का ऐलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियों पर भारतीयों का ही नियंत्रण होगा. डूबे हुए कर्जों पर मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी. बैंक खाता धारकों के लिए इंश्योरेंस की रकम को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया. बैकों के बंद होने पर ग्राहकों के नुकसान का भुगतान किया जा सकेगा.
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