क्या है अवैध खनन का 12 साल पुराना मामला, जो लोकसभा चुनाव के पहले बना अखिलेश के गले की फांस
Akhilesh Yadav News: जनवरी 2019 में तत्कालीन डीएम, खनन अधिकारी और कई अन्य लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया.
Illegal Mining Case: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है. 29 फरवरी को अखिलेश यादव को सीबीआई के सामने पेश होना है. सीबीआई ने अवैध खनन से जुड़े मामले में समन भेजा है. तो आइये जानते हैं अवैध खनन से जुड़े किस मामले में सीबाीआई अखिलेश यादव से पूछताछ करेगी?.
यह है पूरा मामला
दरअसल, जनवरी 2019 में तत्कालीन डीएम, खनन अधिकारी और कई अन्य लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया. एफआईआर में कहा गया है कि आपराधिक साजिश में सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और नवीकरण पट्टे दे दिए गए.
2012-2016 के बीच का मामला
आरोप है कि लोगों को अवैध रूप से छोटे खनिजों का उत्खनन करने की अनुमति दी गई. साथ ही लघु खनिजों की चोरी करने और धन उगाही करने की भी अनुमति दी गई. यह मामला 2012-2016 के बीच का बताया जा रहा है. उस समय यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे.
इन धाराओं में दर्ज हुई FIR
28 जुलाई 2016 को हाई कोर्ट के आदेश बाद सीबाीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. इसमें तत्कालीन डीएम हमीरपुर, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर और प्राइवेट और अज्ञात लोगों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद 2019 में सीबीआई ने 12 जगहों पर छापेमारी की थी. इस दौरान सीबीआई ने बड़ी संख्या में नकदी और गोल्ड बरामद किए थे.
अखिलेश यादव का बयान दर्ज करेगी सीबीआई
इसी मामले में अब सीबीआई ने सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस भेजकर 29 फरवरी को पेश होने को कहा है. वह गवाह के तौर पर पेश होंगे. सीबीआई इस मामले में उनका भी बयान दर्ज करेगी.
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