Hindi Diwas 2023: क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस, महत्व के साथ जानें कैसे और कब हुई इसकी शुरुआत?
Hindi Diwas 2023: हमारे देश की राजभाषा कही जाने वाली हिंदी भाषा आज दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बन गई है... हमारे देश में 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता प्राप्त हैं, जिनमें से हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाती है...आइए जानते हैं इस खास दिन की शुरुआत कब हुई...
Hindi Diwas 2023: हिंदी भाषा विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है. हिंदी (Hindi) को भारत की पहचान के रूप में भी देखा जाता है. पूरे देश में 14 सितम्बर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (national hindi day) मनाया जाता है. ये दिन देश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. हमारे देश की आधिकारिक भाषा के रूप में जानी जाने वाली हिंदी भाषा आज विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 60. 22 करोड़ लोग हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं.
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हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत
हिंदी दिवस मनाने की आधिकारिक तौर पर शुरुआत 14 सितंबर 1953 को हो गई थी. 1953 में भारत के प्रधानमंत्री पद पर पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit jawaharlal nehru) ने संसद भवन में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से हर साल इस दिन को नेशनल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. वहीं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जाने लगा. आपको बता दें कि पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, इस तरह से भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है.
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क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस?
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को प्रेरित करने के लिए हिंदी भाषा अवॉर्ड भी दिया जाता है. इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हिन्दी दिवस को पूरे एक हफ्ते तक सेलिब्रेट किया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं. इस दिन को स्कूलों से लेकर ऑफिसों तक में सेलिब्रेट किया जाता है. भारत में हिंदी दिवस मनाने के पीछे का कारण यह है कि इसे राजभाषा का दर्जा मिला हुआ था. हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति उन सभी लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा के किसी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है.
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