अमित त्रिपाठी/महाराजगंज: नेपाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद भारत सरकार ने मदद की पहल की है. इसके लिए महाराजगंज के सोनौली सीमा के रास्ते 25 सेना के वाहनों से दवाएं, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सकीय उपकरण नेपाल भेजे गए हैं. गोरखपुर के कूड़ाघाट स्थित गोरखा रेजीमेंट कार्यालय पर नेपाली सेना के अधिकारियों ने इन सामानों को रिसीव किया. 


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सीमा तक पहुंचाई गई मदद
भारतीय सेना के अधिकारी 25 वाहनों से वेंटिलेटर, मेडिकल इक्विपमेंट और दवाओं को अपनी निगरानी में सोनौली सीमा तक छोड़ने आए और उनके नेपाल जाने के बाद गोरखपुर वापस लौट गए. 


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गौरतलब है कि भारत का पड़ोसी देश नेपाल भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चंगुल में जकड़ता जा रहा है. भारत ने अपना मित्र धर्म निभाते हुए नेपाल सरकार को बड़े पैमाने मदद पहुंचाई है. कोरोना से लोगों की जान बचाने के लिए बाइपास मशीन, वेंटिलेटर, जीवन रक्षक दवाइयां और एम्बुलेंस गोरखपुर स्थित जीआरडी कार्यालय में सौंपी. नेपाल सेना के जवान सोनौली बॉर्डर के रास्ते नेपाल के लिए रवाना हुए. 


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कोरोना ने नेपाल को बुरी तरह जकड़ा
करीब तीन करोड़ की आबादी वाले इस छोटे से देश में पिछले महीने तक एक दिन में 100 संक्रमित दर्ज किए जा रहे थे, लेकिन अब वहां एक दिन में 10,000 के करीब मामले आ रहे हैं. महामारी शुरू होने के बाद से अब तक वहां करीब 4000 लोगों की मौत हो चुकी है. हाल के हफ्तों में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. इसको देखते हुए भारत ने नेपाल की मदद करते हुए 25 गाड़ियों से दवाओं सहित अन्य उपकरण नेपाल भेजे हैं.


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