नमन तिवारी ने लहराया परचम, बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने इस विश्व कप में लिए सबसे ज्यादा विकेट
India vs Australia Final: आईसीसी अंडर 19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल भआत को हार का सामना करना पड़ा है. इस पूरे टूर्नामेंट में उत्तर प्रदेश नमन तिवारी ने 12 विकेट लेकर अपना परचम लहराया है. नमन तिवारी 18 साल के हैं. आइए जानते है कि कैसा रहा सफर नमन तिवारी का सफर
India vs Australia Final: आईसीसी अंडर 19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल भारत को हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के सामने 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 253 रन का स्कोर खड़ा किया था. रनों का पीछा करते हुए भारतीय टीम 43.5 ओवर में 174 रन पर सिमट गई. दक्षिण अफ्रीका के बेनोनी में खेले गए अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने 79 रन से शिकस्त दी.लेकिन इस पूरे टूर्नामेंट में उत्तर प्रदेश के लखनब का एक तेज गेंदबाज सितारा बनकर चमका है.
22 फरवरी से नमन की इंटरमीडिएट परिक्षाएं शुरू
आईसीसी अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में लखनऊ के नमन तिवारी अपना परचम लहरा रहे हैं. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नमन ने इस विश्व कप में 12 विकेट लिए हैं. नमन तिवारी 18 साल के हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे तेज गेंदबाज है. खास बात यह है कि 22 फरवरी से नमन की इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही है. नमन एक लोअर मिडल क्लास फैमिली से आते हैं. उनके पिता सूर्यनाथ तिवारी इंश्योरेंस एजेंट है. मां सरोज ग्रहणी हैं और घर में तीन बड़ी बहनें हैं, जो कि सब पढ़ाई कर रही हैं. पूरा परिवार टक टकी लगाकर भारत और ऑस्ट्रेलिया का मैच देख रहा है. लोग दुआएं कर रहे हैं की छठी बार भारतीय क्रिकेट टीम अंडर 19 वर्ल्ड कप को जीते.
नमन का पढ़ाई में लगता है खूब मन
नमन का परिवार देवरिया का रहने वाला है. उनके पिता ने बताया कि नमन पढ़ाई में बहुत तेज है लेकिन क्रिकेट को लेकर उसकी लगन उसे आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले गई है और वह उम्मीद करते हैं कि आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करता रहेगा नमन की मां ने कहा कि फिलहाल उनका घर बहुत छोटा है आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन नमन के टैलेंट से जिंदगी में सुधार होगा.
बनाना चाहते थे बल्लेबाज
अठारह बरस के तिवारी ने कहा कि वह असल में बल्लेबाज बनना चाहते थे लेकिन बल्लेबाजी का मौका नहीं मिलने की वजह से उन्हें गेंदबाजी चुननी पड़ी. उन्होंने कहा,"बतौर बल्लेबाज ही मैने क्रिकेट खेलना शुरू किया था लेकिन मुझे बल्लेबाजी मिलती ही नहीं थी. इसलिये मैने लखनऊ में अकादमी में गेंदबाजी शुरू की और बायें हाथ से काम करता हूं तो बायें हाथ का ही तेज गेंदबाज बना."
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