जौनपुर: यूपी के जौनपुर में बेड और ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से लोग अस्पताल के सामने ही छटपटा रहे थे. तभी मरीजों की मदद करने के लिए एक युवक विक्की अग्रहरि आया और लोगों को एंबुलेंस में से ऑक्सीजन सिलेंडर निकाल कर दिए. अब उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की गई है. सीएमएस की शिकायत पर पुलिस ने विक्की अग्रहरि और 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है और जांच में जुट गई है. 


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14 मरीजों को दी थी ऑक्सीजन
गौरतलब है कि बीते गुरुवार जौनपुर के जिला अस्पताल में इलाज उपचार के लिए दूर-दूर से लोग आए थे. लेकिन बेड न मिल पाने की वजह से किसी को भर्ती नहीं किया जा सका. ऐसे में मरीज अस्पताल के सामने फर्श पर तड़प रहे थे. जब यह चीज प्राइवेट एंबुलेंस ड्राइवर विक्की अग्रहरि ने देखी तो जल्दी से एंबुलेंस में रखे तीन सिलेंडरों को निकाला और मरीजों को ऑक्सीजन दी. इसके बाद एक और एंबुलेंस से भी तीन सिलेंडर मांगे और दूसरे मरीजों को भी ऑक्सीजन दी. बताया जा रहा है कि वहीं पर एक युवक था, जो अपने पिता के लिए सिलेंडर लाया था, लेकिन पिता की कोरोना से जंग हार गए थे. तो युवक ने वह दो सिलेंडर भी लोगों की मदद के लिए दे दिए. ऐसे में कुल 8 सिलेंडर की मदद से14 लोगों को राहत मिल सकी.


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144 के उल्लंघन और अन्य धाराओं में केस 
लेकिन अस्पताल प्रशासन को यह चीज गलत लगी. अस्पताल प्रशासन ने परिसर में छटपटा रहे मरीजों को भर्ती कर लिया और बीते शुक्रवार ही विक्की अग्रहरि समेत 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया. तीनों पर धारा 144 और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है. साथ ही, महामारी फैलाने सहित अन्य धाराओं में भी केस दर्ज किया गया है. 


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अस्पताल प्रशासन ने बताया मरीजों की जान से कर रहा था खिलवाड़
सीएमएस के डॉक्टर अनिल शर्मा ने मीडिया को बताया कि ओपीडी पर्ची काउंटर के पास विक्की अग्रहरि और उसके दो साथी मरीजों को ऑक्सीजन दे रहे थे. लेकिन वे न तो इसके लिए अधिकृत थे और न ही उनके पास कोई डिग्री है. इससे जाहिर होता है कि मरीजों के साथ खिलवाड़ करना था. डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की छवि खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा था. वहीं, कोतवाली प्रभारी तारावती यादव ने मीडिया को जानकारी दी है कि केस दर्ज कर लिया गया है अब जांच जारी है.


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