लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का 21 अगस्त की रात 89 वर्ष की उम्र में लखनऊ के एसजीपीजीआइएमएस में निधन हो गया. कल्याण सिंह के बड़े बेटे राजवीर सिंह अपने पिता को याद करके भावुक हो गए. एक न्यूज चैनल से बातचीत में एटा सांसद ने कहा कहा, ''बाबूजी का जन्म राम मंदिर के लिए ही हुआ था. आज वह भगवान राम की शरण में चले गए हैं. मैं और मेरा परिवार राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है. हमसे जो बन पड़ेगा करेंगे और बाबूजी के सपने को पूरा करने में अपना धर्म निभाएंगे.''


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कल्याण सिंह अपने जीवन का पहला चुनाव हार गए थे, लेकिन उसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, 8 बार विधायक रहे, 2 बार लोकसभा के सांसद रहे. चुनावी राजनीति से संन्यास के बाद वह राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के गवर्नर रहे.


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कल्याण सिंह पहली बार जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. वह यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री भी थे. बाबरी विध्वंस के बाद 6 दिसंबर 1992 को सीएम पद से इस्तीफा दिया. सितंबर 1997 में वह दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. लेकिन दोनों ही बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. 


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राजवीर सिंह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. वह एटा सीट से भाजपा के सांसद हैं. क्षेत्र में लोग उन्हें प्यार से राजू भैया कह कर बुलाते हैं. राजवीर सिंह की चार संतानों में दो बेटे और दो बेटियां हैं. उनके बड़े बेटे संदीप सिंह अपने दादा कल्याण सिंह की परंपरागत अतरौली सीट से विधायक हैं और योगी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. संदीप के बाद राजवीर सिंह की बेटी पूर्णिमा सिंह, श्वेता सिंह और फिर सबसे छोटे बेटे सौरभ सिंह हैं. 


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