लखनऊ: ATM मशीन ने पैसे निकालने के लिए बैंकों में लगने वाली कतार को लगभग खत्म ही कर दिया. अब बड़े-छोटे शहरों के ज्यादातर चौक या नुक्कड़ पर ATM की एक मशीन तो होती ही है. बड़े शहरों में तो लाइन से कई ATM हमें पैसे देने के लिए तैयार खड़े रहते हैं. इन मशीनों से कैश निकालते हुए हमें इतने साल हो गए हैं कि शायद अब याद भी नहीं होगा कि पहली बार ATM की सुविधा हमें कब मिली थी. यह तो छोड़िए जनाब, हम में से अधिकतर लोग यह भी नहीं जानते हैं कि इसका फुल फॉर्म क्या है?


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1987  में ATM आया था भारत
कुछ कहते हैं ATM को एनी टाइम मशीन कहा जाता है, तो कुछ का कहना है कि इसे ऑटोमेटिक टाइम मशीन कहते हैं. यानी, अपनी सोच के हिसाब से जो जैसा नाम बनाता गया, ATM का नाम वैसा ही चलन में आता गया. लेकिन सभी अनुमान अगर साइड में रख कर असली नाम पर चर्चा की जाए, तो ATM का असल नाम होता है ऑटोमेटेड टेलर मशीन (Automated Teller Machine) और यह हमारे देश में 1987 के करीब आ गई थी. जी हां, 80 के दशक में ही हम भारतीयों ने इस मशीन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था. उस समय HSBC (Hong Kong and Shanghai Banking Corporation Limited) की मुंबई ब्रांच में पहली बार ATM की शुरुआत हुई थी. हालांकि, आम लोगों तक पहुंचते-पहुंचते इसे लगभग 20 और साल लग गए. इसके बाद तो हम सभी जानते हैं, नोट बंदी के समय ATM की हर भारतीय को कितनी जरूरत पड़ी. 


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दुनिया में पहली बार कब आया ATM?
27 जून 1967 वह तारीख थी, जब लंदन के एनफील्ड कस्बे (Enfield, London) दुनिया की पहली ATM मशीन लगाई गई. सबसे पहला बैंक था बार्कलेज, जिसने अपनी ब्रांच में यह मशीन लगाई थी. इसे जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd Barron) और उनकी टीम ने मिलकर बनाया था. इससे भी पहले John Shepherd ने ही एक प्रिंटिंग मशीन में काम करते हुए पहली बार Automated Cash System Machine तैयार की थी. दिलचस्प बात यह है कि ATM का आविष्कार करने वाले जॉन शेफर्ड के तार भारत से जुड़े हैं. सन् 1925 में उनका जन्म मेघालय के शिलॉन्ग में हुआ था. 


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चॉकलेट मशीन से आया ATM का आइडिया
उस दौरान जॉन शेफर्ड ने मीडिया को बताया था कि उन्हें ATM बनाने की प्रेरणा Chocolate Vending Machine से मिली थी (जिसमें पैसे डालने पर मशीन से चॉकलेट निकाली जा सकती है).


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SBI के सबसे ज्यादा ATM
1987 से आज तक भारत में 2 लाख से ज्यादा एटीएम लगाए जा चुके हैं. इनमें भारतीय स्टेट बैंक की मशीनें (लगभग 59 हजार) सबसे ज्यादा हैं. इतना ही नहीं, मौजूदा समय में भारतीयों के पास करीब 90 करोड़ से ज्यादा ATM Card/Debit Card हैं. हालांकि, भारत की आबादी को देखते हुए अभी भी ATM की संख्या बहुत कम है. यहां एक लाख की आबादी पर सिर्फ 40 ATM हैं. जबकि दक्षिण कोरिया में एक लाख की आबादी पर 278 ATM हैं.


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