Liquor Sale: यूपी में शराब से सरकारी कमाई रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच गई है. वित्त वर्ष 2023-23 में रिकॉर्ड 46,700 करोड़ रुपये का राजस्व शराब बिक्री से मिला है. पिछले वित्त वर्ष में कमाई का यह आंकड़ा 41,250 करोड़ रुपये था. इसमें बीयर, अंग्रेजी शराब और देसी शराब के पियक्कड़ों में बंपर इजाफा हुआ है. यूपी में वर्तमान में दिल्ली की तुलना में ज्यादा शराब ब्रांड उपलब्ध हैं. इसमें बीयर, अंग्रेजी शराब और देसी शराब के पियक्कड़ों में बंपर बढ़ोत्तरी हुई है. क्या आप जानते हैं कि बीयर, अंग्रेजी और देसी शराब में कौन-कौन सा जिला टॉप पर आता है.


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गौतमबुद्धनगर में शराब के शौकीन
नोएडा में पिछले साल जमकर लोगों ने शराब पी.पिछले वित्तीय वर्ष के सिर्फ 11 महीने में नोएडा से सरकारी खजाने में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स के रूप में पहुंचे. यह योगदान सिर्फ 1 अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 तक का है. अब जानते हैं कि बीयर, अंग्रेजी और देसी शराब पीने में कौन सा जनपद आगे है.


बीयर पीने में लखनऊ आगे, नोएडा दूसरे स्थान पर
अगर यूपी में बीयर बिक्री की बात करें तो लखनऊ पहले स्थान पर है. नोएडा दूसरी पायदान पर आता है. 1अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 के बीच लखनऊ में करीब 4.10 करोड़ बीयर  कैन की बिक्री की गई. नोएडा में भी करीब चार करोड़ और गााजियाबाद बाद में 3 करोड़ से ज्यादा बीयर कैन पियक्कड़ों ने खरीदीं. पूरे उत्तर प्रदेश में 64.25 करोड़ कैन बीयर पी गई.  


अंग्रेजी शराब की बिक्री में लखनऊ-नोएडा की टक्कर
यूपी की राजधानी लखनऊ में अंग्रेजी शराब की बिक्री भी रिकॉर्ड स्तर पर रही. गौतमबुद्ध नगर दूसरी पायदान पर रहा. नोएडा में 1.38 करोड़ से ज्यादा बोतल (750 एमएल) बेची गई. विदेशी शराब में गाजियाबाद तीसरे नंबर पर रहा. शहर में  1.27 करोड़ से ज्यादा बोतलों की बिक्री हुई. मेरठ मंडल के 6 ज़िलों में 4.42 करोड़ बोतल अंग्रेज़ी शराब की बिक्री हुई. पूरे यूपी में 27.13 करोड़ बोतल अंग्रेजी शराब की बेची गई. अकेले मेरठ मंडल के 6 जिलों में 4.42 करोड़ बोतल अंग्रेजी शराब की बिकी. 


देसी शराब में मेरठ मंडल दूसरे नंबर पर
यूपी में पिछले साल 74.15 करोड़ लीटर देसी शराब पी गई.देसी शराब में लखनऊ पहले और मेरठ मंडल दूसरे नंबर पर रहा. अगर जिले की बात करें तो चौथे नंबर पर गौतमबुद्ध नगर और पांचवें नंबर पर गाजियाबाद है. गौतमबुद्ध नगर जिले में 1.63 करोड़ लीटर देसी शराब बेची गई.


लाइसेंस फ़ीस 10 फ़ीसदी बढ़ाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023-24 की नई आबकारी नीति में शराब और बीयर की दुकानों की लाइसेंस फ़ीस 10 फ़ीसदी बढ़ाई है. यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू हो गई है. सभी को शराब और बीयर अगले वित्तीय वर्ष में 10 फ़ीसदी ज़्यादा बेचना होगा.


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