लखनऊ: मोहब्बत की निशानी ताजमहल और अब यूपी की राजधानी लखनऊ के 1090 मुख्यालय को बम से उड़ाने की सूचना मिली थी. ताजमहल से टूरिस्ट को बाहर निकाला गया, लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर में स्थित 1090 हेडऑफिस को भी खाली कराया गया और दोनों जगह सुरक्षा बढ़ाते हुए खोजबीन शुरू हुई. लेकिन कुछ समय बाद सामने आया कि डायल 112 पर सूचना देने वाले दोनों ही कॉल फर्जी थे. आगरा में हड़कंप मचाने वाले आरोपी युवक को फिरोजाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन, पुलिस के लिए बड़ी परेशानी यह सामने आ रही है कि लोगों की मदद के लिए बनाए गए डायल 112 को लोगों ने प्रैंक और फर्जी कॉल का जरिया बना लिया है. 


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कब-कब आए डायल 112 पर प्रैंक कॉल
आपको याद हो, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई बार फोन पर जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है. यह सभी कॉल डाय 112 के जरिए ही आए हैं. कुछ समय पहले सीएम को धमकी मामले में एक युवक को हिरासत में लिया गया था. वह बलिया का रहने वाला था और बलिया पुलिस ने ही उसे पकड़ा था. हालांकि, युवक मानसिक रूप से कमजोर बताया जा रहा था. इसके बाद पूछताछ कर पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट कराया था. 


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पहले भी इस तरह मिल चुकी है सीएम को धमकी
गौरतलब है कि डायल-112 के पास सीएम योगी को लेकर पहले भी कई बार धमकी भरे मैसेज और कॉल आ चुके हैं. जिसके बाद लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा भी बढ़ाई गई थी. साल 2020 के जून में यूपी पुलिस की इमरजेंसी सर्विस यूपी 112 के व्हॉट्सएप नंबर पर एक धमकी भरा मैसेज भेजा गया, जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की बात कही गई थी. इससे पहले मई महीने में भी ऐसी ही एक धमकी पर मुंबई के कामरान अमीन को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था.


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कैसे काम करता है डायल 112?
112 नंबर पर डायल करने वाले जरूरतमंदों के लिए एंबुलेंस , फायर और पुलिस जैसी तमाम आपातकालीन सुविधाएं उप्लब्ध होती हैं. यह बकायदा इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System) है, जिसमें पुलिस (100), आग (101), स्वास्थ्य (108), महिला सुरक्षा (1090), आदि मेजर समस्याओं के बारे में सूचना देकर मदद पाई जा सकती है. सभी सर्विस एक आसान कॉल 112 पर मिल जाती हैं. इस सेवा को प्राप्त करने के लिए मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह ऐप 112 इंडिया (112 India) नाम से गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है.


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फेक कॉल करने पर क्या होता है?
112 एक इमरजेंसी नंबर है और सिर्फ इमरजेंसी सेवा के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. अगर कोई इस नंबर पर फेक कॉल या बिना किसी काम के बार-बार फोन या मैसेज करता है तो यह एक तरह का जुर्म है. डायल 112 पर बिना किसी मतलब कॉल कर पुलिस को परेशान करने वालों को पुलिस ट्रैक करती है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है. पुलिस इमरजेंसी कॉल सेंटर से डेटा लेकर कॉलर को आसानी से ट्रैक कर सकती है. इसलिए जरूरी है कि आमजन की सुविधा के लिए बनाए गए डायल 112 का गलत इस्तेमाल कर पुलिस को परेशान करने के बजाए एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करें. हालांकि ऐसा देखने को बहुत कम ही मिलता है क्योंकि 2019 में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, डायल 112 में रोजाना लगभग 1.50 लाख कॉल आती हैं, जिनमें से केवल 15 कॉल ही असल इमरजेंसी की होती हैं. बाकी सभी कॉल या तो प्रैंक के तौर पर किए जाते हैं, या बच्चे खेल-खेल में यह नंबर लगा देते हैं.


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