नई दिल्ली:  07 जुलाई की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया. साल 2019 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह पहला विस्तार था. इस विस्तार में जिस बात ने सबका ध्यान खींचा, वह है कैबिनेट में महिलाओं की संख्या. 7 नई महिलाओं को शपथ दिलाई गई और संख्या बढ़कर 11 हो गई. 78 लोगों की मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं को भागीदारी करीब 14 फीसदी होती है. बीते 37 सालों में यह दूसरी बार है, जब किसी मंत्रिमंडल में महिलाओं की इतनी भागीदारी रही है. 


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खुद का रिकॉर्ड तोड़ने से चूके पीएम मोदी
बता दें कि सबसे अधिक महिला भागीदारी वाली मंत्रिमंडल बनाने वाले भी पीएम मोदी हैं. साल 2015 में उनके कैबिनेट में महिलाओं की भागीदारी 18 फीसदी हुआ करती थी. अगर सबसे कम प्रतिनिधित्व की बात की जाए, तो वह साल 1996 के कैबिनेट में मिली थी. तब सिर्फ 3 फीसदी महिलाएं ही शामिल थीं. अभी तक कोई भी ऐसा कैबिनेट नहीं बना है, जिसमें आधी आबादी की भागीदारी 50 फीसदी हो.  सीधे शब्दों में कहें, तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या हमेशा कम रही है. 


1984 में पहली बार दहाई में पहुंचा महिला प्रतिनिधित्व
महिलाओं को कैबिनेट में दहाई में प्रतिनिधत्व हासिल करने के लिए साल 1984 तक का इंतजार करना पड़ा. ये वो साल था जब कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई. 21वीं सदी की नई सोच के साथ राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे.यह आजादी के बाद पहली कैबिनेट बनी, जिसमें 10 फीसदी महिलाएं थीं. 


क्या कहता है ग्राफ?
अगर हम देखें, तो ग्राफ भी इस बात को दिखता है कि महिलाओं की भागीदारी कैबिनेट में कभी अच्छी नहीं रही. 1984 में 10 फीसदी थी, जिसके बाद 1995 में यह बढ़कर 11 फीसदी हो गई. इस 11 फीसदी को साल 2013 तक का इंतजार करना पड़ा और यह भागीदारी 13 फीसदी हो गई. सबसे जबरदस्त बदलाव मोदी मंत्रिमंडल में देखने को मिलता है, जब यह संख्या बढ़कर 18 फीसदी हो जाती है.


सबसे अधिक महिला कैबिनेट मंत्री बनाने वाले मोदी
पीएम मोदी ने जब साल 2014 में मंत्रिमंडल का गठन किया, तब महिलाओं को खूब भागीदारी मिली. ऐसा देखा गया कि अक्सर महिलाओं को राज्यमंत्री बनाया जाता है. लेकिन मोदी के मंत्रिमंडल में 6 महिला कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं, जो आजादी के बाद सबसे अधिक है. वहीं, साल 2004 के बाद 11 महिलाओं वाला यह मंत्रिमंडल सबसे बड़ा है. 


अब तक कितनी महिलाएं बनी केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा 
उन महिलाओं के संख्या में बारे में जान लीजिए, जो पहली सरकार से लेकर अभी मंत्री बनीं....भले ही वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं.
पहली लोकसभा- 1952 में 2 महिला मंत्री
दूसरी लोकसभा- 1957 में 1 महिला मंत्री
तीसरी लोकसभा- 1962 में 6 महिला मंत्री ( पीएम इंदिरा गांधी समेत)
चौथी लोकसभा- 1967 में 4 महिला मंत्री ( पीएम इंदिरा गांधी समेत)
5वीं लोकसभा- 1971 में 4 महिला मंत्री ( पीएम इंदिरा गांधी समेत)
6वीं लोकसभा- 1977 में  4 महिला मंत्री
7वीं लोकसभा- 1980 में 4 महिला मंत्री ( पीएम इंदिरा गांधी समेत)
8वीं लोकसभा-1984 में 12 महिला मंत्री
9वीं लोकसभा- 1989 में 2 महिला मंत्री
10वीं लोकसभा- 1991 में 12 महिला मंत्री
11वीं लोकसभा- 1996 में 6 महिला मंत्री
12वीं लोकसभा-1998 में 4 महिला मंत्री
13वीं लोकसभा-1999 में 11 महिला मंत्री
14वीं लोकसभा- 2004 में 10 महिला मंत्री
15वीं लोकसभा- 2009 में 14 महिला मंत्री
16वीं लोकसभा- 2014 में 10 महिला मंत्री (सुषमा स्वराज, उमा भारती, नजमा हेपतुल्ला, मेनका गांधी, हरसिमरत कौर बादल, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, साध्वी निरंजना ज्योति, कृष्णा राज, अनुप्रिया पटेल)
17वीं लोकसभा- 2019 में  कुल 13 महिला मंत्री: शुरुआत में 6-  निर्मला सीतारमण, हरसिमरत कौर बादल, साध्वी निरंजन ज्योति, स्मृति ईरानी, देबश्री चौधरी, रेणुका सिंह चौधरी.
 2021 में विस्तार के बाद 11- निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति, रेणुका सिंह सरूता,  मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती पवार ,अनुप्रिया पटेल.


(फोट में बाएं से दाएं- दर्शना जरदोश ,प्रतिमा भौमिक, शोभा करंजले, स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, भारती पवार, मीनाक्षी लेखी, अनुप्रिया पटेल और अन्नपूर्णा देवी)