Ravi Kishan Birthday: बचपन में ही अभिनय के लिए खाई बेल्ट की मार, सिनेमा के शौक ने रवि किशन को बना दिया सुपरस्टार
रवि किशन भोजपुरी सिनेमा में अच्छा खासा काम करने के बाद जीतोड़ मेहनत और आत्मविश्वास के साथ ही रवि किशन ने हिंदी सिनेमा में भी कई दमदार किरदार निभाए.
तमाम अड़चनों के बाद भीअपनी शानदार अदाकारी के चलते लोगों के बीच रवि किशन भोजपुरी का अमिताभ बच्चन कहने लगे. अभिनय की दुनिया में चमकाने के बाद रवि किशन ने राजनीति में कदम रखा जहां पर उन्होंने सफलता हासिल की.
फिलहाल वो गोरखपुर से सांसद भी हैं. अपना 55वां जन्मदिन मना रहे रवि किशन से जुड़े कई किस्से हैं जिसे कम लोग जानते हैं.
अभिनेता बनने का अपना सपना पूरा करने के लिए रवि किशन ने बहुत मेहनत की और संघर्षों से गुजरे. आर्थिक तंगी में गुजर रहे परिवार से आने वाले रविकिशन के अभिनेता बनने का पिता ने बहुत विरोध किया.
उनका बेटा नाचे-गाए ये नहीं चाहते थे. रवि किशन मुंबई में पैदा हुए और पिता के व्यापार बंद होने परपरिवार अपने शहर जौनपुर लोट आया. रवि किशन को सिनेमा का शौक बचपन से ही था.
रामलीला में सीता की भूमिका निभाने से लेकर इस शौक के लिए बेल्ट की मार झेलने का खुलासा उन्होंने एक इंटरव्यू में उन्होंने किया था.
हीरो बनने के लिए 17 साल की उम्र में रवि किशन ने मां से 500 रुपये लेकर घर छोड़ दिया और मुंबई भाग गए. वो कहते हैं कि उनकी मां ने उनके सपनों को हमेशा सपोर्ट किया.
रवि किशन ने भोजपुरी फिल्मों में काम करने के बाद बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में भी शानदार काम किया. 1992 में बी-ग्रेड की फिल्म 'पीतांबर' में दिखे.
एक किस्सा यादकर रवि किशन ने ये भी बताया था कि एक महिला ने उनको एक बार रात में कॉफी पर आने के लिए कहा था. आज वो इंडस्ट्री की नामी महिला हैं. उन्होंने एक दिन कॉल पर मुझसे कहा कि आज रात एक कप कॉफी के लिए आओ. मैंने कहा कॉफी तो दिन में पी जाती है.
उन्हें सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ में निभाए गए भूमिका चावला के मंगेतर के किरदार के लिए खूब सराहा गया. यहां से वो मशहूर होते चले गए और एक के बाद एक कई फिल्में कीं.
हाल ही में वो लापता लेडीज फिल्म में पुलिसवाले का किरदार निभाते दिखे जिसकी फिल्मी गलियारे में काफी चर्चा है. उनकी एक्टिंग को खूब सराहा जा रहा है.