Prayagraj: अशरफ की हत्या के बाद भी वकील विजय मिश्रा के संपर्क में थी जैनब, पुलिस को मोबाइल के CDR से मिले कई सुबूत
Prayagraj News: अशरफ की हत्या के बाद भी उसकी पत्नी जैनब वकील विजय मिश्रा के संपर्क में थी. प्रयागराज पुलिस को विजय मिश्रा के मोबाइल की CDR से कई सुबूत मिले हैं.
Prayagraj News/मो.गुफरान: माफिया अतीक अहमद (Mafia Atique Ahmed) के भाई अशरफ (Ashraf Ahmed) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. अशरफ की हत्या के बाद पत्नी जैनब (Ashraf's Wife Zainab Fatima) लगातार वकील विजय मिश्रा (Advocate Vijay Mishra) के संपर्क में थी. पुलिस को इस बात की जानकारी विजय मिश्रा के मोबाइल की सीडीआर से मिली है. विजय और जैनब के बीच कई बार बातचीत हुई है. इंटरनेट कॉल के जरिए दोनों संपर्क में थे. पुलिस को विजय मिश्रा के मोबाइल फोन में कुछ वाट्सएप चैट भी मिले हैं. आशंका है कि यह चैट अशरफ की पत्नी के हो सकते हैं. पुलिस फिलहाल विजय मिश्रा के मोबाइल की जांच के साथ अन्य पहलुओं पर भी पड़ताल में जुटी है.
जैनब की गिरफ्तारी के लिए घोषित होगा इनाम
गौरतलब है कि माफिया अतीक और अशरफ की बनाई बेनामी संपत्तियों को बेचने में जैनब का नाम सामने आया है. जिसके बाद प्रयागराज पुलिस अब रूबी उर्फ जैनब पर भी इनाम घोषित की तैयारी कर रही है. जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या में बैरेटा पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था. यूएसए मेड बैरेटा पिस्टल से भी उमेश और सरकारी गनर को गोली मारी गई थी. एफएसएल की रिपोर्ट में इस पिस्टल से फायरिंग के सुबूत मिले हैं. पुलिस अब यूएसए मेड बैरेटा पिस्टल की तलाश में जुटी हुई है.
इस पिस्टल की बरामदगी उमेश पाल हत्याकांड में अहम साक्ष्य साबित होगी. इसकी कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है. माफिया अतीक ने रिमांड के दौरान बैरेटा पिस्टल के बारे में पुलिस को जानकारी दी थी. हालांकि पुलिस बैरेटा पिस्टल को बरामद नहीं कर सकी थी. पुलिस को शक है कि फरार शाइस्ता परवीन या फिर जैनब ने बैरेटा पिस्टल को छिपाया है.
विजय मिश्रा और जैनब पर लगे हैं ये आरोप
जैनब पर उमेश पाल हत्याकांड के शूटर्स की मदद करने का आरोप है. उमेश पाल हत्याकांड में जैनब भी आरोपी है. वह करीब पांच महीनों से पुलिस को चकमा देकर फरार है. वहीं, अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा पर आरोप है कि उमेश पाल हत्याकांड के दिन यानी 24 फरवरी को उमेश पाल की लोकेशन अशरफ और असद को भेजी थी. इसी के कुछ देर बाद उमेश पाल की सरेआम हत्या कर दी गई थी. अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ ने ही पूछताछ में उमेश पाल हत्याकांड में विजय मिश्रा का नाम लिया था.
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