लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 9 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. उन पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है. लखनऊ के हजरतगंज थाने में अमिताभ ठाकुर और अतुल राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. जिसके बाद शुक्रवार यानी आज अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया है. 


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फरवरी 2020 में लिखा था SSP को लेटर 
घोसी से बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए आत्मदाह को मजबूर बलिया की बेटी की मौत के पीछे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की बड़ी भूमिका पाई गई है. 2020 में पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, वाराणसी को पत्र लिखकर कहा था कि वरिष्ठ आईपीएस अमिताभ ठाकुर रसूखदार हैं और सांसद अतुल राय बाहुबली. इन दोनों के खिलाफ मेरी लड़ाई का अंजाम मुझे आत्मदाह करने पर मजबूर कर सकता है. 


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क्या लिखा था लेटर में?
SSP को लिखे लेटर में पीड़िता ने अमिताभ और अतुल की बदनीयती की पूरी दास्तां बयां की थी. इस पत्र में पीड़िता ने लिखा 'कुछ दिन पूर्व मेरे गवाह सत्यम प्रकाश राय का फोन आया और वो मानसिक रूप से काफी परेशान थे. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि सांसद अतुल राय से पैसे लेकर आईपीएस अमिताभ ठाकुर मुझे, पीड़िता के लंका थाना वाराणसी में दर्ज मुकदमे के संदर्भ में गलत-गलत खबरें फैला रहे हैं और उसके नाम को किसी अपराधी के साथ जोड़कर दिखा रहे हैं. ऑडियो वायरल कर रहे हैं. हम लोगों ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर का नंबर फेसबुक से देखकर उनको फोन भी किया था. उनसे पूछा कि एक उच्च प्रशासनिक अधिकारी होने के बावजूद कोर्ट में विचाराधीन मामले में अनावश्यक हस्तक्षेप क्यों किया जा रहा?" इसके बाद अमिताभ ने पीड़िता को अपने घर आने को कहा, लेकिन घर जाने पर वो नहीं मिले. अपने पत्र में पीड़िता ने रसूखदार अतुल राय और पुलिस अधिकारी अमिताभ की मिलीभगत को खुद के लिए जानलेवा बताया था. 


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अमिताभ के खिलाफ मिले पुख्ता सबूत
इतना ही नहीं अमिताभ ठाकुर पर मामले से जुड़ी सीओ भेलूपुर की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के भी पुख्ता सबूत मिले हैं. आपको बता दें कि अमिताभ पर सांसद अतुल राय के अलावा माफिया मुख्तार अंसारी के लिए काम करने के भी आरोप लगते रहे हैं. शुक्रवार को SIT की जांच के खुलासे के बाद अमिताभ ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें कि गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार बीती 23 मार्च को अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी. 


16 अगस्त को पीड़िता ने किया आत्मदाह
बता दें कि रेप पीड़िता पिछले दो साल से ज्यादा समय से अकेले ही बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी. सांसद के गुर्गों की प्रताड़ना भी उसके हौसले को डिगा नहीं पाई थी. न्याय की आस में भटक रही युवती ने 16 अगस्त को फेसबुक पर लाइव वीडियो शेयर कर आत्मदाह कर लिया. रेप पीड़िता ने अमिताभ ठाकुर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. इस दौरान उसने अमिताभ ठाकुर, मुख्तार अंसारी और अतुल राय के रिश्तों का खुलासा किया था. पीड़िता ने खुदकुशी से पहले वीडियो जारी कर सभी बातें कही थीं. 


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सवालों के घेरे में अमिताभ
- सीओ भेलूपुर, वाराणसी की जांच रिपोर्ट अमिताभ को कैसे मिली?
- खुद पुलिस सेवा में रहते हुए पुलिस की गोपनीय रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों किया?
- क्या पुलिस सेवा में रहते हुए माफिया मुख्तार अंसारी के लिए काम करते थे अमिताभ?
- पीड़िता के सार्वजनिक अपमान और उत्पीड़न के लिए अमिताभ-अतुल के बीच कितने रुपयों में हुई डील?
- किन कारणों से अमिताभ ठाकुर द्वारा सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलाई गईं?
- गवाहों को अपराधियों के साथ जोड़ कर ऑडियो वायरल करने के पीछे क्या थी अमिताभ की मंशा?


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