कानपुर की झोपड़पट्टी में रहने वाली 3 महिलाएं बनने वाली थीं मानव बम, ATS के पहुंचने से पहले फरार
एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पनकी इलाके की झोपड़पट्टी में रहने वाली तीन महिलाएं पिछले एक महीने से आतंकियों के संपर्क में थीं. इन महिलाओं की फोन पर आतंकियों और उनके आकाओं से लगातार बात भी हो रही थी.
कानपुर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से पकड़े गए दो संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में एक के बाद एक चौंकाने वाने तथ्य सामने आ रहे हैं. यूपी एटीएस के मुताबिक आतंकियों ने प्रदेश को दहलाने की जो साजिश रची थी उसके तार कानपुर (Kanpur) से जुड़ रहे हैं. आतंकियों के मनसूबे कितने खौफनाक थे इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने धमाकों के लिए मानव बम भी तैयार कर लिए थे.
कानपुर की झोपड़पट्टी से 3 संदिग्ध महिलाएं गायब
एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पनकी इलाके की झोपड़पट्टी में रहने वाली तीन महिलाएं पिछले एक महीने से आतंकियों के संपर्क में थीं. इन महिलाओं की फोन पर आतंकियों और उनके आकाओं से लगातार बात भी हो रही थी. अलकायदा के एक्सटेंडेड टेरर आउटफिट अंसार गजवातुल हिंद का कमांडर उमर हलमंडी इन तीनों महिलाओं से मिल भी चुका था. आपको बता दें कि उमर हलमंडी भारत में अलकायदा का कमांडर है.
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तीनों महिलाओं को मानव बम बनाने की तैयारी थी
ये तीनों महिलाएं यूपी एटीएस की गिरफ्त में आने से पहले ही फरार हो चुकी हैं. लखनऊ में मिन्हाज और मुशीर की गिरफ्तारी की बात सामने आने के बाद से ही तीनों गायब हैं. बीते मंगलवार रात यूपी एटीएस की एक टीम कानपुर के गंगागंज स्थित झोपड़पट्टी पहुंची थी. लेकिन . दोनों यहां नहीं मिलीं. उनका मोबाइल बंद था जिसकी वजह से एटीएस उनके घर का लोकेशन भी नहीं ढूंढ सकी. एटीएस सूत्रों के मुताबिक फरार तीनों महिलाओं को अलकायदा के आतंकी मानव बम बनाकर उनका इस्तेमाल करने की तैयारी में थे.
लखनऊ और कानपुर में 24 लोगों को दी थी ट्रेनिंग
इतना ही नहीं एटीएस सूत्रों की मानें तो लखनऊ से गिरफ्तार दोनों संदिग्ध अलकायदा आतंकियों ने लखनऊ व कानपुर में 24 लोगों को ट्रेनिंग दी थी. दोनों करीब एक महीने तक कानपुर में रुके भी थे. अब मिन्हाज और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को 14 दिन की रिमांड अवधि के दौरान एटीएस इन्हें कानपुर लेकर आएगी. साथ ही उन्हें उस मदरसे, कॉलेज और बेगमगंज भी ले जा सकती है जहां-जहां दोनों ठहरे थे. इन दोनों आतंकियों के तार यूपी के करीब 20 से ज्यादा जिलों से जुड़ रहे हैं.
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