NIRF Top 10 Engineering Institute: देश के टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में छाया यूपी, IIT कानपुर समेत तीन संस्थानों ने मचाया तहलका
NIRF Top 10 Engineering Institute: देश के उज्जवल भविष्य के लिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र JEE का एग्जाम देते हैं. इन सभी छात्रों का सपना होता है कि वह देश के सबसे शानदार ... पढ़िए पूरी खबर ...
NIRF Top 10 Engineering Institute: देश के उज्जवल भविष्य के लिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र JEE का एग्जाम देते हैं. इन सभी छात्रों का सपना होता है कि वह देश के सबसे शानदार इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला मिले. तो आज हम आपको इन्हीं टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के बारे में बताने जा रहे हैं. NIRF द्वारा सोमवार को रेंकिंग जारी की गई है. इन रेंकिंग में देश के टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट बताए गए हैं.
ये हैं टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट
आईआईटी मद्रास
आईआईटी दिल्ली
आईआईटी बॉम्बे
आईआईटी कानपुर
आईआईटी खड़गपुर
आईआईटी रुड़की
आईआईटी गुवाहटी
आईआईटी हैदराबाद
एनआईटी तिरुचिरापल्ली
आईआईटी ( बीएचयू ) वाराणसी
देखें ताजा रेंकिंग:
यूपी के हैं तीन इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट
NIRF द्वारा जारी की गई इस रेंकिंग में यूपी और उत्तराखंड के मिलाकर तीन इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट हैं. इनमें सबसे पहला नाम आईआईटी कानपुर का आता है. आईआईटी कानपुर के बाद यूपी और उत्तराखंड में टॉप इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की लिस्ट में आईआईटी रुड़की का नाम है. देश के टॉप 10 और यूपी-उत्तराखंड में तीसरे नंबर पर आईआईटी ( बीएचयू ) वाराणसी को जगह मिली है.
आईआईटी कानपुर
आईआईटी कानपुर देश में मौजूद कुल 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है. इसकी स्थापना सन् 1959 में हुई थी. इसके अंदर कुल प्रशासनिक कर्मचारियों की संख्या तकरीबन 1200 है. वहीं इसमें ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट को मिलाकर कुल छात्रों की संख्या तकरीबन 4700 है.
आईआईटी रुड़की
आईआईटी रुड़की उत्तराखंड के रुड़की में स्थित भारत के टॉप 10 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में से एक है. इसकी स्थापना सन् 1847 में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान उत्तर-पश्चिमी प्रांतों के लेफ्टिनेंट-गवर्नर जेम्स थॉमसन ने की थी. यह भारत का सबसे पुराना इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट है. पढ़ने वाले कुल छात्रों की संख्या इसमें 9186 है.
आईआईटी ( बीएचयू ) वाराणसी
सन् 1919 में स्थापित यह संस्थान बनारस इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में बना था. साल 1968 में इसे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का प्रौद्योगिकी संस्थान बनाया गया. साल 2012 में भारत सरकार की तरफ से इसे आईआईटी ( बीएचयू ) वाराणसी का नाम दिया गया है. पढ़ने वाले कुल छात्रों की संख्या इसमें 9540 है.
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