UP Police Constable Exam 2024: 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर के सभी 75 जिलों में यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की गई. 17 फरवरी को दूसरी पाली की परीक्षा में गाजियाबाद में ब्लूटूथ के जरिए नकल कर रही अभ्यर्थी रिया चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था.
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UP Police Constable Exam 2024: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी एसटीएफ पूरे तह तक जाने में जुट गई है. असल गुनहगारों तक पहुंच सके, इसके लिए यूपी एसटीएफ ने अब जांच की दिशा बदल दी है. यूपी एसटीएफ अब अभ्यर्थियों से पैसा लेकर पेपर मुहैया कराने वाले गैंग से रिवर्स नेटवर्क को खंगाल रही है, ताकि पेपर लीक कराने वाले असल गुनहगार तक पहुंचा जा सके.
ऐसे हुआ था पेपर लीक
दरअसल, 17 और 18 फरवरी को प्रदेशभर के सभी 75 जिलों में यूपी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की गई. 17 फरवरी को दूसरी पाली की परीक्षा में गाजियाबाद में ब्लूटूथ के जरिए नकल कर रही अभ्यर्थी रिया चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही पुलिस ने रिया को नकल कराने वाले सॉल्वर गैंग के सदस्य गुरबचन को भी गिरफ्तार कर लिया था.
मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार हुआ एक और सदस्य
वहीं, जब एसटीएफ ने गुरबचन से पूछताछ की तो पता चला कि उसे पेपर कपिल तोमर और मोनू मलिक ने दिया था. इसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम कपिल तोमर और मोनू मलिक के पीछे पड़ गई. बीते दिनों यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद से कपिल तोमर को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में कपिल ने बताया कि मिंटू नाम के शख्स ने उसे पेपर बेचने के लिए दिया था. गुरुवार को एसटीएफ ने मुफ्फरनगर निवासी प्रवीण उर्फ मिंटू बालियान को शाहपुर से गिरफ्तार कर लिया.
ग्रुप डी का भी पेपर कर चुके हैं लीक
यूपी एसटीएफ ने बताया कि मोनू मालिक और कपिल तोमर उत्तराखंड में हुई भर्ती और रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में पेपर लीक के मामले में जेल भी जा चुके हैं. एसटीएफ की टीम असल गुनहगारों तक पहुंचने के लिए जांच में जुट गई है. सभी आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी. बता दें कि यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक चार राज्यों से तार जड़ने नजर आ रहे हैं. इसमें यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हरियाणा से सीधा कनेक्शन सामने आया है.