लखनऊ: धर्मांतरण मामले में पुलिस और अटीएस सक्रियता से काम कर रहे हैं. करीब 1000 लोगों के धर्मांतरण के आरोपी उमर गौतम के बारे में कई नई बाते सामने आई हैं. जांच में हुए खुलासे चौंकाने वाले भी हैं. बताया जा रहा है कि उसके पुराने वीडियोज़ भी मिले हैं. साथ ही, उमर गौतम ने खुद बताया है कि इस्लामिक दावा सेंटर जामिया, दिल्ली में उसने करीब 1000 लोगों के धर्मांतरण संबंधी डॉक्यूमेंट जारी किए हैं. पूछताछ में उसने खुलासा किया है कि एक महीने में इस्लामिक दावा सेंटर में औसतन 15 या उससे ज्यादा लोगों का धर्मान्तरण डॉक्यूमेंट जारी किया जाता है.


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इंग्लैंड, सिंगापुर, पोलैंड तक में धर्मान्तरण का काम होता है
उमर गौतम ने यह बात भी कबूल की है कि इस्लामिक दावा सेंटर में इंग्लैंड, सिंगापुर, पोलैंड तक में धर्मान्तरण का काम होता है. इसी के साथ, उसका कहना था कि इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है. आरोपी उमर ने यह बात भी बताई कि नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले 12-15 मूक-बधिर युवकों को लालच देकर उनका धर्मांतरण कराया गया था. पूछताछ में पता चला कि आईडीसी के बहरे और गूंगे युवाओं को टारगेट किया जा रहा था और उमर गौतम ने युवा महिलाओं सहित 1000 से अधिक लोगों को धर्मांतरित करने की बात कबूल की थी.


विदेशों और AIUDF द्वारा फंडिंग का संदेह
आईडीसी (इस्लामिक दवाह सेंटर) को संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर, कुवैत, आदि में स्थित गैर सरकारी संगठनों से विदेशी फंडिंग का संदेह है. धन को फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन (दिल्ली), लखनऊ की अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन सहित कई भारत-आधारित एफसीआरए पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से आईडीसी में भेजा जाता है. मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर (फरीदाबाद), मरकजुल मारीफ (मुंबई) और ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन (दिल्ली). इतना ही नहीं, उमर गौतम ने Azmal Badauddin (सांसद, लोकसभा/ AIUDF) द्वारा फंडिंग होने का भी दावा किया.


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इनसे भी मिला कनेक्शन
इरफ़ान शेख, जो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार में अनुवादक के रूप में कार्यरत थे, आईडीसी को ज़रूरतमंद मूक-बधिर युवाओं और महिलाओं की डिटेल मुहैया करवा रहा था. जिन्हें आर्थिक मदद देकर धर्मांतरण के लिए टारगेट किया जाता था. आईडीसी का कतर स्थित सलाफी उपदेशक डॉ. बिलाल फिलिप्स द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ संबंध है. ये जाकिर नाइक के सहयोगी हैं.


ये 5 राज्य मेन टारगेट
उमर गौतम के ग्लोबल पीस सेंटर, दिल्ली के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. यह सेंटर मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित है, जो विशेष रूप से मेवात क्षेत्र में धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल है. वर्तमान में देश भर में 60 से अधिक दवाह संस्थान चलाए जा रहे हैं. इनके मेन टारगेट पर हैं यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र. दवाह के नाम से कट्टरपंथी और कट्टरपंथी संगठनों द्वारा धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं. इसे साइलेंट जिहाद का नाम दिया गया है.


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