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नई दिल्ली: यूपी एटीएस (Uttar Pradesh Anti-Terrorism Squad) ने सोमवार को एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जबरन गलत तरीकों से धर्म परिवर्तन कराकर लोगों को मुस्लिम बनने पर मजबूर करते थे. इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को मोहम्मद उमर और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया है. दोनों दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं.
यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है
धर्मांतरण गैंग का 'मास्टरमाइंड' मोहम्मद उमर मूल रूप से यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है. उसका जन्म 1964 में एक हिंदू राजपूत परिवार में हुआ था. उसके पिता का नाम धनराज सिंह गौतम है. उमर के माता-पिता ने उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम रखा था. वहीं, श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर के परिवार में उसके 6 भाई भी हैं.
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1984 में किया धर्म परिवर्तन
श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर की पढ़ाई की बात करें, तो उसने पंतनगर यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर साइंस में M.Sc.की डिग्री हासिल की है. यूनिवर्सिटी में उसके दोस्त नासिर ने उसे इस्लाम के बारे में बताया था. इसके साथ ही नासिर ने श्याम को इस्लाम से जुड़ी 40-50 किताबें पढ़ने को दी थीं. जिसके बाद 21 साल की उम्र में श्याम ने अपना धर्मांतरण कर लिया. सन् 1984 में धर्मपरिवर्तन करने के बाद उसने अपना नाम उमर गौतम रख लिया.
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परिवारवालों के विरोध पर छोड़ा घर
वहीं, जब परिवार को उसके धर्मांतरण का पता चला, तो सभी ने इस बात का विरोध किया. परिवार वालों के विरोध पर उमर ने अपना घर छोड़ दिया. इसके बाद वो 1985 में पंतनगर छोड़कर दिल्ली के जामिया नगर आ गया. यहां उसने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से इस्लामिक स्टडी में पढ़ाई की. इस्लामिक स्टडी में पहले M.A. किया, फिर Ph.D. भी की. इसके बाद उमर ने साल 2010 में जामिया में इस्लामिक दावाह सेंटर शुरू किया.
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