लखनऊ:  उत्तर प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द करने का निर्देश दिया गया है. अब बिना परीक्षा ही छात्र अगले कक्षा में प्रवेश कर जाएंगे. प्रमोशन के लिए पिछले साल की परीक्षाओं को आधार बनाया जाएगा. जहां ऐसे रिकॉर्ड मौजूद नहीं है, वहां अगस्त में परीक्षाएं कराई जाएंगी. 


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यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दी जानकारी
यूपी के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी के 41 लाख छात्र-छात्राओं की परीक्षा कोरोना में बाधित रही. शेड्यूल जारी किया था लेकिन पंचायत चुनाव और फिर कोरोना की वजह से परीक्षा नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि इस विषय में 3 विश्वविद्यालयों की समिति की रिपोर्ट के बाद मंथन किया गया और राज्यपाल और मुख्यमंत्री से चर्चा करके फैसला लिया गया. इस विषय में विश्वविद्यालयों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं. अब विश्वविद्यालय अपने स्तर पर आगे फैसला लेंगे. 


विश्वविद्यालय लेंगे अंतिम फैसला
दरअसल, सरकार की ओर से सिर्फ निर्देश दिए गए हैं. इस पर अंतिम फैसला विश्वविद्यालयों को लेना है. अगर विश्वविद्यालय चाहें, तो ऑनलाइन परीक्षा ले सकते हैं. लेकिन इस स्थिति में परीक्षा सिर्फ डेढ़ घंटे तक ही होगी. प्रश्न पत्र छोटे हो सकते हैं या उसे बहुविकल्पीय बनाया जा सकता है.


सितंबर में जारी होंगे रिजल्ट
निर्देश में कहा गया है कि जहां संभव हो प्रमोशन किया जाए. अगर परीक्षा होती है, तो परीक्षा केंद्रों की संख्या को बढ़ाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन से विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाएगा. निर्देश ये भी है कि प्रश्नपत्र ऐसे हों, जो मूल्यांकन में सरल और जल्द हों. ताकि सितंबर में रिजल्ट जारी कर दिए जाए और सत्र में देरी ना हो. हालांकि, ये आदेश नहीं निर्देश हैं.