UP Vidhansabha Chunav 2022: मोदी लहर में 24 साल बाद खिला था कमल, इस बार कौन होगा बरौली का 'बहादुर'
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UP Vidhansabha Chunav 2022: मोदी लहर में 24 साल बाद खिला था कमल, इस बार कौन होगा बरौली का 'बहादुर'

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) की सुगबुगाहट तेज हो गई है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. हम आपके लिए एक-एक सीट के बारे में जानकारी दे रहे हैं. 

 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022)

UP Vidhansabha Chunav 2022: उत्तरप्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने भारी बहुमत हासिल की थी. अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज है. इस बार यूपी की 18वीं विधानसभा के चुनाव में विपक्षी दल, सत्ता में वापसी करने की उम्मीद से चुनावी मैदान में उतरेंगे, वहीं बीजेपी अपनी सत्ता को बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगी. अब बात करते हैं अलीगढ़ जिले में आने वाली बरौली विधानसभा सीट की. 

इस सीट पर हमेशा बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच ही मुख्य लड़ाई रही है, लेकिन पिछले चुनाव में यहां से दल बदलकर ठा. दलवीर सिंह ने बीजेपी का झंडा बुलंद किया था. इसलिए इस बार यहां की सियासी जंग काफी रोचक होने वाली है. 

24 साल बाद खिला था बरौली में कमल
अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे को लेकर वर्ष 1993 में हुए चुनाव में बरौली विधान सभा क्षेत्र में मुनीष गौड़ के रूप में भाजपा का कमल खिला था. तब से पार्टी भले ही हर बार यहां से चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारती रही हो, पर हर बार हार मिली, लेकिन 2017 में  पार्टी ने मोदी लहर में न केवल जीत के सूखे को खत्म करने का काम किया, बल्कि 24 साल के लंबे अंतराल बाद बरौली में कमल खिलाया.

पिछले 2 चुनावों का हाल 

  1. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत हुई थी. बीजेपी के ठा. दलवीर सिंह ने 38763 वोटों से जीत का परचम लहराया था. उन्हें कुल 1,25,545 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं दूसरे नंबर पर रहे बसपा के ठा. जयवीर सिंह को 88237 वोट मिले थे.
  2. साल 2012 की बात करें तो इस विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के दलवीर सिंह को जीत हासिल हुई थी. उन्हें कुल 80440 वोट मिले थे, जबकि बसपा के जयवीर सिंह 68417 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे.

क्या रही जीत की वजह?
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त लहर ही थी. पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का नारा बुलंद किया था. इसके साथ बीजेपी की तरफ से 2012 में रालोद की टिकट पर चुनाव जीतने वाले ठा. दलवीर सिंह चुनावी मैदान में उतरे थे. सत्ता विरोधी रुझान व प्रदेशभर में चली मोदी लहर के कारण दलवीर सिंह न केवल वे अपनी सीट को बचाने में सफल रहे, बल्कि अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ठा. जयवीर सिंह को भी मात देने में सफल रहे. इस तरह यहां 24 साल बाद बीजेपी को जीत मिली. इससे पहले बीजेपी यहां 1993 में जीती थी.

बरौली सीट के कुल मतदाता  
साल 2017 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर कुल 3 लाख 66 हजार 837 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 98 हजार 589 मतदाता पुरुष, जबकि 1 लाख 69 हजार 458 महिलाएं मतदाता हैं. 

क्या है जातीय समीकरण
अलीगढ़ जिले में आने वाली बरौली विधानसभा सीट फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है. बरौली विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक ठाकुर मतदाता हैं. इसके बाद लोध, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है. इस सीट पर 3 लाख 66 हजार 837 मतदाता हैं. इस क्षेत्र में ठाकुर 66 हजार, मुस्लिम 29 हजार मजबूत स्थिति में हैं. इसके बाद बाह्मण  26 हजार 500, वैश्य 24 हजार के अलावा अन्य जातियां हैं. 

क्या था पिछले चुनाव का हाल
बीजेपी ने साल 2017 में हुए विधानसभा के चुनावों में कुल 403 सीटों में से 312 सीटें जीती थीं. जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को 54 सीटें और बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों पर जीत मिली थी. साल 2017 में उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के लिए 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक सात चरणों में चुनाव हुए थे.

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