Aditya L1 ISRO's First Solar Mission: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इतिहास रचने के बाद अब भारत की निगाहें सूर्य की ओर (India's First Solar Mission) हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज अपने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' (Aditya-L1 Launch) को लॉन्च करेगा.  दोपहर 11 बजकर 50 मिनट (Aditya L1 Launch Timing and Place) पर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 'आदित्य-एल1' लॉन्च होगा. इसरो भारत के पहले सौर मिशन से सूर्य का अध्ययन करेगा. इस मिशन को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आदित्य-एल1 भी सूर्य पर वैसे ही उतरेगा, जैसे चंद्रमा पर चंद्रयान-3 उतरा था. इसरो ने इस मिशन से जुड़ी जानकारी (Aditya L1 Details) देते हुए इस सवाल का जवाब दिया है. 


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होलो ऑर्बिट में रखा जाएगा यान
ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया, "आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर, सूर्य की ओर निर्देशित रहेगा, जो पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1 प्रतिशत है." आदित्य-एल1 को इसरो के भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रोजेक्ट किया जाएगा. ‘आदित्य एल1’ के 125 दिनों में लगभग (How Much Time will Aditya L1 Take to Reach Sun) 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’  (What is L1 Point) के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है. L1 पॉइंट के चारों ओर की ऑर्बिट को हेलो ऑर्बिट कहा जाता है. 



क्या सूर्य पर उतरेगा आदित्य-एल1? 
ISRO ने आगे कहा, "सूर्य गैस का एक विशाल गोला है और आदित्य-एल1 सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा. आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा." इसरो ने दो ग्राफ के जरिए इस मिशन को लेकर डिटेल में जानकारी दी है. 


कहां देख सकेंगे लॉन्च का लाइव प्रसारण (Aditya L1 Live Streaming)
इसरो की वेबसाइट- https://isro.gov.in 
फेसबुक- https://facebook.com/ISRO
यूट्यूब- https://youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw 


मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है. ‘आदित्य एल1’ सात पेलोड ले जाएगा, जिनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे. 


कुछ ऐसा रहेगा आदित्य-L1 का सफर 
शनिवार को ISRO सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से मिशन आदित्य-L1 को लॉन्च करेगा.
सूरज के करीब पहुंचने से पहले स्पेसक्राफ्ट आदित्य-L1 पृथ्वी की कक्षा में चार बार चक्कर काटेगा. यहां इसकी गति को लगातार बढ़ाया जाएगा.
इसके बाद ये धरती से दूर उस जगह पहुंचेगा, जहां धरती की तरह ना दिन होती है ना रात 
इस सफर के अंतिम पड़ाव पर क्रूज़ फेज़ आएगा, जहां ये नियंत्रित गति से L1 पॉइंट की ओर बढ़ेगा. 
आदित्य- L1 को सूर्य और पृथ्वी के बीच हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. 
इस पॉइंट से इसरो सूर्य पर 24 घंटे नज़र रखेगा. 


 


यहां देखें मिशन से जुड़ी पूरी डिटेल 


Aditya L1 launch ISRO LIVE Update: ISRO 'आदित्य- एल 1' आज करेगा लांच, यहां देखें मिशन की पल-पल की अपडेट