Famous Runner of America: क्या आपने कभी सोचा है कि किसी बच्चे को पोलियो हो जाए और वो किसी प्रतियोगिता में दौड़ लगा पाएगा?  नहीं, ज्यादातर लोग यही सोचेंगे. लेकिन खेल की दुनिया में एक ऐसी बेटी पैदा हुई जिसने बचपन में पोलियो के बावजूद ओलंपिक में एक नहीं 2 नहीं बल्कि 3-3 गोल्ड मेडल जीते. इस अमेरिकी महिला एथलीट का नाम था विल्मा रुडोल्फ. विल्मा रुडोल्फ के कारनामे इतने हैरतअंगेज हैं, जो साबित करते हैं कि इस जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बैसाखियों के सहारे चलती थीं विल्मा
विल्मा रुडोल्फ (Wilma Rudolph) का जन्म अमेरिका के टेनेसी के एक गरीब घर में हुआ था. विल्मा का जन्म साल 1939 में हुआ था. वह 21 भाई-बहनों में 19वी संतान थी. वह समय से पहले पैदा हुई थी और काफी कमजोर थीं. जब विल्मा करीब तीन साल की हुईं तो उनके परिवार को पता चला कि उनको पोलियो है जिसके कारण वह ठीक से चल नहीं सकती. विल्मा बैसाखियों के सहारे चलती थीं. 


गोल्ड मेडल का दावेदार; बीच ट्रैक पर गिरा, फिर जो हुआ वो ओलिंपिक की सबसे अद्भुत घटना है....


 


सभी उड़ाते थे मजाक, पर नहीं मानी हार
रुडोल्फ अपनी क्लास में खेल के बारे में बात करती थीं. सभी टीचर और सहपाठी उन पर हंसते थे, कहते थे कि तुम ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती हो और खेलों की बात करती हो. सिर्फ क्लास ही नहीं कोई और भी जब उनकी बातें सुनता तो विश्वास नहीं करता था कि वो दौड़ेगी. डॉक्टर भी हैरान होते थे जब सुनते थे कि वो ओलंपिक में दौड़ लगाना चाहती है. अपनी साथ हुई बातों को वह अपनी मां के साथ शेयर करती. विल्मा ने अपनी मां से पूछा, क्या मैं दुनिया में सबेस तेज धावक बन सकती हूं, तो मां ने कहा था कि तुम कुछ भी कर सकती हो, इस संसार में कुछ भी नामुमकिन नहीं है. मां ने विल्मा के हर कदम पर साथ दिया. उसी का नतीजा था कि विल्मा ने ओलंपिक में तीन मेडल हासिल किए.


मां ने हर कदम पर दिया साथ
डॉक्टरों ने भी विल्मा की मां को कह दिया था कि वो कभी अपने पैरों पर चल नहीं पाएंगी. लेकिन विल्मा की मां ने हार नहीं मानीं. अपनी बेटी का दर्द देखकर उनकी मां ने ठाना कि वह खुद अपनी बच्ची का इलाज करेंगी. रुडोल्फ की मां, हफ्ते में दो बार कस्बे से 50 मील दूर स्थित हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर जाती. बाकी दिन वह खुद घर पर इलाज करती थी. 12 साल की उम्र में विल्मा ने फिर से चलना शुरू कर दिया. विल्मा की मां ने ठाना वह उन्हें एथलेटिक्स के लिए तैयार करेंगी. विल्मा की लगन और मेहनत को देखकर उनके विद्यालय ने भी पूरा साथ दिया. 


Olympics का सबसे खतरनाक शूटर, ब्लास्ट में हाथ गंवाया, फिर एक हाथ से ही जीते 2 गोल्ड


1953 में एथलेटिक्स के सफर की शुरुआत
उनके एथलेटिक्स के सफर की शुरुआत 1953 में हुई. पहली बार उन्होंने इंटर स्कूल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. विल्मा इस रेस में आखिरी पायदान पर थी. इस हार से विल्मा का कॉन्फिडेंस कम नहीं होने दिया और आखिरकार 8 रेस में फेल होने के बाद नौंवी प्रतियोगिता में उन्हें पहली बार जीत हासिल हुई. और इसी जीत के साथ विल्मा के स्वर्णिम सफर की शुरुआत हुई.


1956 यूएस ओलिंपिक ट्रैंड एंड फील्ड ट्रायल में हिस्सा लिया
विल्मा रुडोल्फ ने और मेहनत की और 14 साल की उम्र में उन्होंने टेनिसी समर कैंप में रनिंग की सभी प्रतियोगिताएं जीतीं. 1956 में विल्मा ने यूएस ओलिंपिक ट्रैंड एंड फील्ड ट्रायल में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए मेलबर्न ओलिंपिक्स की 200 मीटर रेस के लिए क्वालिफाई किया. मेलबर्न ओलंपिक्स में रुडोल्फ ने रिले रेस में कांस्य पदक हासिल किया.


रोम ओलिंपिक में रचा  इतिहास
1960 ओलिंपिक खेल रोम में आयोजित हुए थे. विल्मा इन खेलों में 100 मीटर, 200 मीटर और 4×100 मीटर में हिस्सा लिया था. 200 मीटर में विल्मा ने ओलिंपिक रिकॉर्ड के साथ मेडल हासिल किया था. उन्होंने 100 मीटर में भी 11.0 सेकंड का समय निकालकर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था लेकिन इसे माना नहीं गया था. कहा गया था कि उनके प्रदर्शन में हवा का ज्यादा प्रभाव था. विल्मा एक ओलिंपिक्स में तीन गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली अमेरिकी महिला थीं. यही नहीं विल्मा उस वक्त की सबसे तेज धाविका भी बनीं. 


गोल्ड मेडल का दावेदार; बीच ट्रैक पर गिरा, फिर जो हुआ वो ओलिंपिक की सबसे अद्भुत घटना है....


WATCH LIVE TV