ठाणे: अनजाने में गलत ट्रेन पकड़ महाराष्ट्र पहुंची उत्तर प्रदेश की दो नाबालिग बहनें आखिरकार अपने माता-पिता से मिलीं. व्हाट्सएप ग्रुप पर मिले संदेश से यह मिलन मुमकिन हो पाया. पुलिस के मुताबिक दोनों बहनों में से 17 वर्षीय किशोरी मानसिक रूप से अक्षम है और दूसरी बच्ची चार वर्ष की है. दोनों उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की रहने वाली हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस उपायुक्त (अपराध) दीपक देवराज ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि पिछले महीने दोनों निकटवर्ती चन्दौली जिला स्थित अपनी एक रिश्तेदार के यहां आईं थी. वापस जाते समय लड़कियां गाजीपुर की ट्रेन में चढ़ने की बजाय मुंबई जाने वाली ट्रेन में चढ़ गई थीं. भोजपुरी भाषा बोलने वाली लड़कियां 15 जनवरी को ठाणे रेलवे स्टेशन पर मिली थीं लेकिन वे अपने घर का पता नहीं बता पा रही थीं.


देवराज ने बताया कि पुलिस ने लड़कियों को हिरासत में लेकर उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया. इसके बाद बड़ी बहन को इलाज के लिए ‘ठाणे मेंटल हॉस्पिटल’ में भर्ती करा दिया गया और छोटी बहन को डोंबिवली स्थित एक अनाथालय भेज दिया गया. अदालत ने ठाणे पुलिस को उनके माता-पिता की तलाश करने का आदेश भी दिया था. ठाणे पुलिस के मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ की भोजपुरी जानने वाली एक महिला ने उनसे बातचीत कर उनके गाजीपुर के दिलदार नगर से होने की जानकारी हासिल की.


इसके बाद पुलिस ने कई व्हाट्सएप ग्रुप पर लड़कियों के संबंध में संदेश डाले. लड़कियों के एक रिश्तेदार ने यह संदेश देख उनके माता-पिता को इसकी जानकारी दी. देवराज ने बताया कि इसके बाद अभिभावकों ने ठाणे पुलिसे से संपर्क किया जिन्होंने बच्चियों से मिलने में उनकी मदद की. उन्होंने बताया कि माता-पिता ठाणे पहुंचे, जहां सोमवार को बच्चियों को उनके हवाले कर दिया गया.


(इनपुट: एजेंसी भाषा)