Uttarakhand UCC: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का धामी सरकार को समर्थन, बोले- हर हाल में लागू हो समान नागरिक संहिता
Uttarakhand Waqf Board on UCC: शादाब शम्स ने धामी सरकार को समर्थन देते हुए कहा कि देश के सभी लोगों के लिए एक कानून आएगा, इससे बेहतर क्या हो सकता है. कानून लागू होने से सभी पक्षों को लाभ मिलेगा.
UCC in Uttarakhand: समान नागरिक संहिता कानून (UCC) को लेकर उत्तराखंड में हलचल तेज है. बताया जा रहा है कि 2 फरवरी को UCC ड्राफ्ट कमेटी धामी सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी. 5 फरवरी से होने वाले विधानसभा सत्र में UCC बिल को पेश किया जायेगा. इसी बीच उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का बयान सामने आया है. उन्होंने UCC को लेकर सरकार को अपना समर्थन दिया है. इसके साथ ही विपक्षियों के बिना ड्राफ्ट देखे इसका विरोध करने को गलत बताया है.
बिना ड्राफ्ट देखे विरोध करना गलत: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष
शादाब शम्स का कहना है कि देश के सभी लोगों के लिए एक कानून आएगा, इससे बेहतर क्या हो सकता है. कानून लागू होने से सभी पक्षों को लाभ मिलेगा. इसमें किसी भी पक्ष के रीति-रिवाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सभी पक्षों को समान नागरिक संहिता कानून का स्वागत करना चाहिए. राजनीतिक पार्टियां इसका गलत प्रचार कर रही हैं. यह बिल किसी धर्म विशेष या जाति विशेष को दबाने के लिए नहीं बल्कि सबको समान रखने के लिए आ रहा है. बिना ड्राफ्ट देखे ही लोग अभी से इसका विरोध कर रहे हैं. यह सरासर गलत है. शादाब शम्स ने कहा कि UCC को हर हाल में लागू किया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा, जहां इस कानून को लागू किया जाएगा.
किसी के साथ अन्याय हुआ तो खुलकर बोलेंगे: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सदन में कांग्रेस इस ड्राफ्ट पर अपना पूरा विचार रखेगी. ड्राफ्ट में यदि कहीं भी किसी के साथ अन्याय होगा तो उस पर कांग्रेस खुलकर बोलेगी. सरकार ने इसे आनन-फानन में तैयार किया है. जब केंद्र में UCC लाने की बात हो रही है, तो फिर उत्तराखंड के बिल का कोई मतलब नहीं रह जाता है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती है कि UCC आए. कांग्रेस पहले से ही विरोध कर रही है, जबकि कांग्रेस को पहले ड्राफ्ट देख लेना चाहिए. इस कानून का लागू होना देवभूमि के लिए भी बहुत जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करती है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ है भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून. समान नागरिक संहिता एक सेक्यूलर यानी पंथनिरपेक्ष कानून होता है, जो सभी धर्मों के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है. आसान शब्दों में कहें तो अलग-अलग धर्मों के लिये अलग-अलग कानून का ना होना ही 'समान नागरिक संहिता' की मूल भावना है. यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है, फिर चाहे वो किसी भी धर्म या क्षेत्र से संबंधित हो. देश के संविधान में भी इसका उल्लेख है. संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का जिक्र किया गया है.