स्टेट यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की मनमानी रोकने के लिए UGC ने उठाया अहम कदम
गौरतलब है कि हाल ही में UGC ने भारत के सभी सेंट्रल, स्टेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर्स और तथा अनुदानित उच्च शिक्षण संस्थानों (Aided Higher Educational Institutions) के प्राचार्यों को पत्र लिखा है, जिसमें आयोग ने सेशन 2020-21 से संबंधित सभी जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी स्टेट यूनिवर्सिटी को लेकर एक अहम फैसला लिया है. शासन का निर्देश है कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय और उनसे एफिलिएटेड सभी कॉलेज अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission, UGC) की निगरानी में रहेंगे. सरकार ने UGC की तरफ से बनवाए गए यूनिवर्सिटी एक्टिविटी मॉनीटरिंग पोर्टल (University Activity Monitoring Portal) पर सभी मांगी गई सूचनाएं देने का निर्देश दिया है.
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UGC ने सभी यूनिवर्सिटी के VC को लिखा पत्र
गौरतलब है कि हाल ही में UGC ने भारत के सभी सेंट्रल, स्टेट और डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर्स और तथा अनुदानित उच्च शिक्षण संस्थानों (Aided Higher Educational Institutions) के प्राचार्यों को पत्र लिखा है, जिसमें आयोग ने सेशन 2020-21 से संबंधित सभी जानकारी इस पोर्टल पर उपलब्ध कराने के लिए कहा है. जानकारी के मुताबिक यह पहल इसलिए शुरू की गई है कियोंकि UGC चाहता है कि टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति SC/ST, OBC, EWS और दिव्यांगजनों के लिए तय किए गए रिजर्वेशन नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
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UGC ने पोर्टल पर श्रेणीवार आरक्षण (Clas Wise Reservation) के अनुसार विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में नियुक्त टीचर्स और बाकी वर्कर्स के बारे में सूचनाएं देने और साल 2020-21 में रिजर्वेशन नियमों के अनुसार पाठ्यक्रमों में लिए गए प्रवेश और हॉस्टल्स में आवंटित रूम के बारे में सूचनाएं देनी हैं. UGC ने यह भी कहा है कि अगर आरक्षित पदों पर नियुक्ति में बैकलॉग है तो उस पर भी जल्द से जल्द नियुक्ति करा ली जाए.
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