अब सवाल ये है कि इस तरह जान जोखिम में डालकर बैनर और पोस्टर सिपाही से क्यों उतरवाए जा रहे थे और अगर सिपाही खुद चढ़ भी गया था, तो उसे ऐसा करने से चौकी इंचार्ज ने रोका क्यों नहीं.
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नई दिल्ली/उन्नाव: लोकसभा चुनावों की तारीखों की ऐलान होने के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है. आचार संहिता लगने के बाद पूरे देश में जिला प्रशासन अब शहरों में पटे पड़े नेताओं के बैनर्स और पोस्टर्स को हटाने में जुटे हैं. चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बैनर और पोस्टर हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इसी दौरान एक चौकी इंचार्ज की ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें सिपाही बिजली के पोल पर चढ़कर बैनर-पोस्टर हटा रहा है. वहीं, साथ में खड़े चौकी इंचार्ज सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं. ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
दरअसल, लोकसभा चुनावों की तारीखों का जैसे ही ऐलान हुए, प्रशासन ने शहर भर में लगे बैनर और पोस्टर हटाने का काम शुरू कर दिया. इसी बीच बिना किसी सुरक्षा उपकरण के सिपाही को बैनर पोस्टर हटाने के लिए खंभे पर चढ़ा दिया गया और अचलगंज थाना क्षेत्र में यहां बदरका चौकी इंचार्ज खुद सेल्फी लेना लगा. चौकी इंचार्ज के इस कारनामे की तस्वीर वहां किसी शख्स ने अपने फोन में कैद कर ली और उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दी.
अब सवाल ये है कि इस तरह जान जोखिम में डालकर बैनर और पोस्टर सिपाही से क्यों उतरवाए जा रहे थे और अगर सिपाही खुद चढ़ भी गया था, तो उसे ऐसा करने से चौकी इंचार्ज ने रोका क्यों नहीं.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. शनिवार (10 मार्च) को चुनाव आयोग के अध्यक्ष सुनील अरोड़ा ने तारीखों का ऐलान किया. इस बार पूरे देश में सात चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे. पहला चरण 11 अप्रैल, 18 अप्रैल को दूसरा, 23 अप्रैल को तीसरा, 29 अप्रैल को चौथा, 6 मई को पांचवां, 12 मई को छठां और 19 मई को सातवें चरण का चुनाव होगा. 23 मई को वोटों की गिनती शुरू होगी और उसी दिन मतदान का परिणाम भी आएगा. तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लग गई है.