नई दिल्‍ली : उन्नाव रेप व अपहरण मामले (Unnao Rape and Kidnapping Case) में दोषी करार दिए गए भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में सजा पर बहस आज होगी. जहां अभियोजन पक्ष अधिक से अधिक सजा की मांग करेगा, जबकि बचाव पक्ष कम से कम सजा की मांग करेगा.


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दरअसल, सोमवार को कुलदीप सिंह सेंगर को रेप (IPC की धारा 376) और पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मौजूद केस में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं. जिनसे जूझकर लड़कियां और महिलाएं अपना जीवन डर और शर्म से अपना नारकीय जीवन काटती हैं. कोर्ट ने कहा कि हमारे विचार से इस जांच मैं पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिये का अभाव दिखता है.



कोर्ट ने चार्जशीट में देरी को लेकर सीबीआई को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह साबित हो गया है कि पीड़ित लड़की नाबालिग थी. अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया. हालांकि कुलदीप सिंह सेंगर के साथी शशि सिंह को इस मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया. जज ने सीबीआई को चार्जशीट में देरी के लिए फटकार लगाते हुए कहा था कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल करने में 1 साल क्यों लगा दिया.


गौरतलब है कि तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के दुष्कर्म के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अगस्त महीने में ही आरोप तय किए थे. जिला न्यायाधीश ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे. दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने CBI को 7 दिन में जांच का आदेश दिया था. साथ ही इसकी सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट को सौंप दी थी.