लखनऊ: कोरोना महामारी की दहशत प्रदेश भर में है. इसको देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए एग्जाम भी स्थगित कर दिए गए हैं. CBSE ने दसवीं के बोर्ड कैंसिल कर दिए हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board) के पास यह विकल्प नहीं है. यूपी बोर्ड दसवीं के स्टूडेंट्स को प्रमोट नहीं कर सकता. दरअसल, यूपी बोर्ड के पास सालभर में हुए एग्जाम के रिकॉर्ड नहीं हैं. अब इसके लिए बोर्ड काउंसिल के साथ सरकार भी दूसरा ऑप्शन ढूंढ रही है.


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CBSE को इसलिए होगी आसानी
दरअसल, CBSE ने अप्रैल में ही निर्णय लिया था कि हाईस्कूल के एग्जाम नहीं होंगे. बच्चे डायरेक्ट 11वीं में प्रमोट किए जाएंगे. हालांकि, 12वीं के एग्जाम के लिए अभी फैसला होना है. वहीं, CBSE और UP बोर्ड का कोर्स लगभग एक जैसा ही है. लेकिन, CBSE में मंथली टेस्ट के अलावा हाफ ईयरली एग्जाम का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड कर दिया गया है. ऐसे में CBSE स्टूडेंट्स को रिकॉर्ड के आधार पर आसानी से प्रमोट किया जा सकता है.


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UP Board के लिए इसलिए होगा मुश्किल
UP बोर्ड में 9वीं के हाफ ईयरली एग्जाम का रिकॉर्ड मुख्यालय नहीं भेजा जाता. वहीं, मंथली टेस्ट होते ही नहीं. इस बार प्री-बोर्ड कराए तो गए, लेकिन उसका भी रिकॉर्ड बोर्ड के पास नहीं है. ऐसे में प्रमोट करना मुश्किल है. यूपी के ज्यादातर कॉलेज सेल्फ फाइनेंस्ड हैं. केवल एक तिहाई ही राजकीय या अशासकीय हैं. अब हर जिले से एग्जाम का रिकॉर्ड मांगना मुश्किल है. लेकिन अब शासन और बोर्ड के विचार मंथन करने पर कोई रास्ता निकलने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि शायद एग्जाम कराना ही आखिरी ऑप्शन हो. 


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