लखनऊ: फिल्म सिटी में निर्माण के साथ ही युवाओं को 6 कोर्स की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके जरिए सरकार अब फिल्म निर्माण (फिल्म प्रोडक्शन) के क्षेत्र में काम करने वाले कुशल मैनपावर भी तैयार करेगी. साथ ही युवाओं को रोजगार भी मुहैया कराएगी. उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने पहली बार इस तरह की ट्रेनिंग की योजना बनाई है. कंपनियों से बातचीत चल रही है. 


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मुंबई और पुणे की कंपनियों से फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखेंगे युवा
फिल्म निर्माण के क्षेत्र में काम करने की इच्छुक युवकों को विभिन्न विधाओं की ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग पार्टनर के तौर पर पुणे और मुंबई की 3 संस्थाओं से अनुबंध करने के लिए यूपी सरकार तैयारी कर रही है. प्रदेश के युवा असिस्टेंट वीडियो एडीटर, डिजिटल कैमरा फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, डिजिटल ऑडियो रिकॉर्डिंग, लाइटिंग असिस्टेंट व मास कम्युनिकेशन की बारीकियां सीखेंगे. 


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कंपनी कराएगी प्लेसमेंट
ट्रेनिंग देने वाली कंपनियों के बीच होने वाले करार में ट्रेनिंग पूरी कराने के बाद 70 फीसदी युवाओं का प्लेसमेंट ट्रेनिंग देने वाली कंपनी को ही कराना होगा. 35 फीसदी युवाओं को किसी न किसी संस्थान या प्रोडक्शन हाउस में अनिवार्य रूप से परमानेंट नौकरी दिलाने की शर्त भी शामिल है. जबकि 35 प्रतिशत युवकों को सेल्फ एप्लायमेंट के तौर पर रोजगार दिलाने का प्रावधान किया गया है.


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अलग-अलग शहरों में ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगी कंपनियां
फिल्म सिटी बसाने के बाद पहले चरण में करीब 2000 युवकों को फिल्म निर्माण से जुड़ी विभिन्न विधाओं की ट्रेनिंग दी जाएगी. खास तौर पर फिल्म प्रोडक्शन के क्षेत्र में युवाओं को नौकरी दिलाएगी जाएगी. सूत्रों की मानें तो ट्रेनिंग देने के लिए पुणे की ट्राइडेंट इंटरटेनमेंट व साउंड मैजिक्स के अलावा मुंबई की असेंबलेज इंटरटेनमेंट कंपनियों से एमओयू कराने को लेकर सभी बिंदुओं पर चर्चा हो चुकी है. कंपनी के प्रतिनिधि जल्द ही लखनऊ आएंगे. ये कंपनियां प्रदेश में लखनऊ समेत कुछ अन्य शहरों में ही अपने ट्रेनिंग सेंटर खोलेंगी. इन कंपनियों के सरकार की ओर से सिर्फ स्थान उपलब्ध कराया जाएगा. ट्रेनिंग से संबंधित उपकरण व अन्य संसाधन की व्यवस्था कंपनियों को करनी होगी. इनके अलावा नोएडा स्थित कुछ अन्य प्रोडक्शन हाउस से भी स्थान दिलाने को बातचीत चल रही है.


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