Ghaziabad Name Change News: गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड की बैठक में मंगलवार 9 जनवरी 2024 को गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पास हुआ है. इस प्रस्ताव के पास होते ही पूरे सदन में जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे. निगम में लगभग सभी पार्षदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं. बीजेपी के तमाम नेता काफी समय पहले से ही गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग कर रहे थे. अब इस प्रस्ताव को शासन में भेजा जाएगा. सीएम योगी लेंगे अंतिम निर्णय. हरनंदी नगर, गजप्रस्थ, दूधेश्वर नगर नाम पर विचार हो सकता है. 


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गाजियाबाद नगर निगम की बैठक में नाम बदलने का प्रस्ताव पास होते ही सदन में जय श्री राम, वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे. गाजियाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव का कुछ ही पार्षदों ने विरोध किया. अब गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा.


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गाजियाबाद के नाम को परिवर्तित किए जाने की मांग काफी समय से की जा रही थी. हिंदू संगठन और यहां के जनप्रतिनिधियों की तरफ से गाजियाबाद का नाम परिवर्तित करने की मांग उठती रही है. गाजियाबाद नाम नवाब गजिउद्दीन के नाम पर रखा गया, जिसे मुस्लिम आक्रांताओं की याद दिलाने वाला नाम बताते हुए लगातार हिन्दू संगठनों की तरफ से आवाज उठाती रही है. ऐसे में आज गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में गाजियाबाद के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा गया और सदन में उसे हरी झंडी दिखा दी गई है. 


गाजियाबाद नगर निगम की सदन में आयोजित बोर्ड बैठक में गाजियाबाद के नाम परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव रखा गया. गाजियाबाद में पिछले काफी समय से नाम परिवर्तन को लेकर अलग-अलग हिन्दू संगठन और नेता मांग कर रहे थे, जिसको लेकर आज गाजियाबाद नगर निगम में प्रस्ताव रखा गया कि गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर दिया जाए. पार्षदों के मुताबिक बैठक में तीन नाम का जिक्र किया गया, जिसमें हर नंदी नगर, गजप्रस्थ और दूधेश्वर नगर नाम सुझाए गए. अब यह सभी नाम शासन को भेजे जाएंगे क्योंकि नाम बदलने का अधिकार शासन के पास होता है. ऐसे में शासन के पास यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके बाद शासन अपनी तरफ से निर्णय लेते हुए सुझाए हुए नाम में से नाम चयन करते हुए गाजियाबाद का नाम परिवर्तित किया जायेगा. प्रस्ताव लाने के बाद पार्षद सदन में अपनी सीटों से खड़े हो गए और भारत माता की जय वंदे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाने लगे. 


दरअसल जो तीन नाम सुझाए गए है, उनके पीछे की कहानी भी आपको समझते है. दरअसल हरनंदी हिंडन नदी का दूसरा नाम है और गाजियाबाद हिंडन नदी के किनारे ही बसा है, इसलिए इसका नाम हरनंदी नगर करने की मांग गाजियाबाद के जनप्रतिनिधि और अनेक हिन्दू संगठनों द्वारा की जा रही थी. इसके साथ में गाजियाबाद में दूधेश्वर नाथ पीठ भी है, जिसकी आम लोगों में काफी मान्यताएं है. माना जाता है कि यहां पर भगवान शिव का शिवलिंग है, जिसकी पूजा रावण के पिता द्वारा की जाती रही है. ऐसे में इस स्थान का पौराणिक महत्व समझते हुए गाजियाबाद का नाम दूधेश्वर नगर किए जाने की मांग भी लगातार लोगों द्वारा की जाए जाती रही है. तीसरा नाम गजप्रस्थ, उसके पीछे की वजह दिल्ली का पुराना नाम इंद्रप्रस्थ होना है. जहां इंद्रप्रस्थ राज्य के हाथी रहा करते थे और उस जगह का नाम गाजियाबाद रखा गया था, जिससे जोड़ते हुए लोग गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर गजप्रस्थ करने की मांग भी करते दिखाई दिए थे, जिसके बाद तीनों नाम को शासन के पास भेजा जाएगा. शासन द्वारा परिवर्तित नाम पर मुहर लगाने के बाद गाजियाबाद का नाम परिवर्तित कर दिया जाएगा.