UP GIS-2023: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्लोबल यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2023 (Global Investors Summit 2023 )के जरिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर का बनाने के प्रयास में जुट गई है. निवेश के इस महाकुंभ को लेकर मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस की. समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ ने समिट का लोगो लांच किया और निवेशकों से इस महाकुंभ में भागीदार बनने का आह्वान किया. मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश में हवाई अड्डों, सड़क और रेल नेटवर्क के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था के तमाम मजबूत पहलुओं को सामने रखा. यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की इस मुहिम के लिए योगी सरकार अमेरिका, सिंगापुर समेत कई देशों में रोडशो भी आयोजित करने जा रही है. 


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यह समिट उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए बेहद खास होगा. इसको लेकर योगी सरकार ने तैयारियां भी तेज कर दी हैं. इसी क्रम में मंगलवार को सीएम योगी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, जसवंत सिंह सैनी समेत कई दिग्गज मौजूद हैं. 


कब है आयोजन?
अगले साल यानी 2023 में 10 से 12 फरवरी तक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है. जिसमें 13 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 13 देशों के औद्यौगिक मंत्रियों/सचिवों को निमंत्रण भेजा है. इसके अलावा सभी केंद्रीय मंत्रियों को भी न्योता भेजा गया है. जिन देशों के औद्योगिक विकास मंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया है, उनमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा एवं अर्जेंटीना शामिल हैं.


पोर्टल्स के जरिए होगी निवेश प्रस्तावों औऱ एमओयू की प्रक्रिया
GIS-23 को लेकर दो पोर्टल बनाए गए हैं.  22 नवंबर के बाद ये पोर्टल इन्वेस्ट यूपी की साइट पर लाइव हो जाएंगे. निवेशकों को इन पोर्टल्स के जरिए ही प्रदेश में निवेश का मौका मिलेगा. निवेशकों को सभी जानकारियां इन्हीं पोर्टल के माध्यम से मिलेंगी. 


उत्तर प्रदेश में 304 विदेशी कम्पनियों को लाने की तैयारी है. इनमें प्रमुख कम्पनियां- गूगल, एप्पल, रोल्स रॉयस, सुजकी, वालमार्ट, अमेजॉन, जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर,. मर्क, मर्सिडीज, लॉरेल, व फिलिप्स आदि हैं. चार लाख करोड़ की विदेशी निवेश का लक्ष्य है. विदेशी निवेश के लिए 20 सेक्टरों की निवेश नीतियां बनाई गई हैं. 


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