कोरोना (Coronavirus) के कहर से मुक्ति पाने के लिए अब देश में टीकाकरण अभियान जल्द ही शुरू होने वाला है. कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine)कुछ देशों में लोगों को दी जा रही है. ऐसे में इसके साइड इफेक्ट्स को देखते हुए सरकार ने वैक्सिनेशन के साथ-साथ इसके प्रतिकूल प्रभावों से भी निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. 


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तैयार की गई है डॉक्टर्स की टीम 
कोरोना टीकाकरण के बाद के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए भी डॉक्टरों की टीम तैयार की जा रही है. एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआई) के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला स्तर पर टीमों का गठन कर रहा है. इस टीम में सरकारी के साथ निजी चिकित्सकों को भी शामिल किया जाएगा. 


ये हो सकते हैं साइड इफेक्ट 
- ब्रिटेन में लगे टीके के ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में मामूली साइड इफेक्ट देखे गए जो जल्दी ही सही भी हो गए.
- दूसरी खुराक के बाद सबसे गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए. 3.8 प्रतिशत वॉलंटियर्स को थकान महसूस हुई और 2 प्रतिशत को सिरदर्द की शिकायत.
- अधिक उम्र वालों की अपेक्षा कम उम्र वाले वॉलंटियर ने कम शिकायतें की.
- रूस में लगे स्पूतनिक टीके के बाद लोगों को कंपकंपी के साथ तेज बुखार की शिकायत हुई, जो दवा लेने के बाद ठीक हो गई.
- अमेरिकन मॉडर्ना टीके के बाद बांह में दर्द और थकान की शिकायत हुई, जो 3 दिन बाद ठीक हो गई. 


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यूपी में वैक्सिनेशन के पहले चरण की तैयारी पूरी 
यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है.  पहले चरण में प्रदेश में 4.85  करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे. अब तक तैयार रणनीति के अनुसार पहले चरण में 7.65 लाख हेल्थ केयर वर्करों को तथा 22.30 लाख फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाकर इस अभियान की शुरुआत की जाएगी.


4 चरणों में होगा टीकाकरण 
प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया 4 चरणों में पूरी की जाएगी. आवश्यकता और रिस्क के मुताबिक समूह बनाकर टीकाकरण किया जाएगा. 
- पहले चरण में हेल्थकेयर वर्कर्स का वैक्सिनेशन किया जाएगा. अभी तक प्रदेश के सरकारी हेल्थ केयर वर्कर्स का डेटा तैयार किया गया है. जिनकी संख्या 7 लाख से ज़्यादा है. प्राइवेट सेक्टर के हेल्थ केयर वर्कर्स का डेटा अभी तैयार किया जा रहा है.
- दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सिनेशन किया जाएगा, जिसमें पुलिस बल और सुरक्षा बल, सफाईकर्मी होंगे.
- तीसरे चरण में 50 साल के ऊपर के लोगों का किया जाएगा. इसके लिए वोटर लिस्ट और आधार कार्ड से सूची बनाई जा रही है. 
- चौथे चरण में 50 साल के नीचे के लोगों का वैक्सिनेशन होगा.


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वैक्सीन देने की भी होगी ट्रेनिंग 
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय मे 70 हजार सरकारी वैक्सिनेटर्स हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन देने के काम में लगाया जा सकता है. वैक्सिनेशन की प्रक्रिया में प्राइवेट वैक्सिनेटर्स को भी लगाया जायेगा. इसके लिए दो दिन की ट्रेनिंग आज से शुरू हो रही है. हर जिले में कैंप लगाकर ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए मास्टर ट्रेनर ऑनलाइन ट्रेनिंग देंगे. 


बूथ बनाकर होगा वैक्सिनेशन 
सभी जिलों में वैक्सीन वैन की व्यवस्था की गई है. उनके माध्यम से ब्लॉक और दूसरे बूथों तक वैक्सीन ले जाया जाएगा. हालांकि अभी भारत सरकार की गाइडलाइन के बाद ही इसे तय किया जाएगा. प्रदेश में गोरखपुर,लखनऊ,अयोध्या,बनारस,कानपुर,मेरठ,आगरा ,झांसी समेत 9 जिलों में स्टेट वैक्सीन स्टोर हैं. सबसे पहले वैक्सीन इन्हीं स्टोर्स में लायी जाएगी. उसके बाद इन्हें अलग अलग जिलों में वैक्सिनेशन के लिए ले जाया जाएगा. इन सेंटर्स के लिए रेफ्रिजरेटर वैन की भी व्यवस्था की जा रही है.


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