AJEET SINGH/ JAUNPUR: यूपी की जौनपुर जनपद की ये कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. पांच वर्ष पूर्व लखनऊ में लगी किसान प्रर्दशनी मेले से एक आलू चोरी करने वाला जौनपुर जिले का एक प्रगतिशील किसान आज उस आलू की खेती से हजारों रूपये कमा रहा है. इस आलू की कीमत बाजारों में तीस रूपये लेकर पचास रूपये तक है. यह 25 से 30 प्रतिशत शुगर फ्री है तथा इसे कोल्ड स्टोर में रखने की जरूरत ही नही पड़ता है. इस बहुमूल्य आलू की प्रजाति का नाम नीलकण्ठ है. 
 
खबर विस्तार से- 
जानकारी के लिए बता दें कि जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर कादीपुर गांव के गुलाब मौर्य ने पांच वर्ष पूर्व यूपी की राजधानी लखनऊ में किसान प्रर्दशनी मेले का आयोजन किया गया था. इस मेले में प्रदेश भर के किसान अपने खेतों में उगाई गयी फल और सब्जियों की प्रर्दशनी लगायी थी. इसमें धर्मापुर ब्लाक के कादीपुर गांव के निवासी किसान गुलाब मौर्या भी अपने खेत में जैविक खाद से पैदा की गयी फल, सब्जी और मूली की प्रर्दशनी लगायी थी. गुलाब के स्टाल के बगल में ही पश्चिम जिले के एक किसान ने नीलकण्ठ प्रजाति की आलू का प्रर्दशन किया था. 


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ऐसे की शुरुआत
गुलाब ने उस किसान से इस आलू की खेती, फायदे समेत अन्य जानकारियां प्राप्त किया. उसके बाद गुलाब भी नीलकण्ठ आलू की खेती करने का मन बनाया. उन्होने उस से  किसान इस आलू की बीज मांगा तो उसने देने से मना कर दिया,  गुलाब ने एक आलू की कीमत सौ रूपये लगाया उसके बाद उसने आलू बेचने से साफ मना कर दिया. जिसके कारण गुलाब की जिज्ञासा और बढ़ गई. 


चोरी के 1 आलू से लखपति
गुलाब ने बताया कि उसके बाद मैने अपने पांच अन्य साथियों की मदद से एक आलू चोरी करके घर ले आया. उस आलू का चार भाग करके बोया, इस चार फाक से करीब दो किलों आलू पैदा हुआ. दो किलों आलू खाने व बेचने के बजाय मैंने उसका बीज रखकर अगले वर्ष पुनः बो दिया. इस वर्ष 15 किलो आलू पैदा किया. इस वर्ष भी मैंने सभी आलू को बीज के लिए सुरक्षित रख दिया. अगले वर्ष मैंने उससे करीब पचास किलो से अधिक आलू पैदा किया. अब पचास से साठ किलो आलू पैदा करता हूं. पैदा  हुए आलू को खाने के लिए तीस रूपये प्रति किलो तथा बीज से के लिए पचास रूपये प्रति किलो में बेचता हूं. 


नीलकंठ आलू के गुण
गुलाब मौर्या ने बताया कि नीलकण्ठ आलू की शक्ल काला होता है. इसे कोल्ड स्टोर में रखने की जरूरत नही होती है. इसकी पैदावार अन्य आलू की प्रजातियों से अच्छी होती है. यह 25 से 30 प्रतिशत शुगर फ्री भी होता है. इस आलू में कई तरह के गुण पाए जाते हैं. सबसे खास बात कि इसमें कार्बोहाइड्रेट काफी कम होता है. इसलिए फैट की समस्या नहीं रहती. इसके साथ ही इसमें शुगर काफी कम है. इसलिए यह शुगर पेशेंट के लिए भी काफी अच्छा माना गया है. शुगर पेशेंट कम मात्रा में इसका उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने बताया नीलकंठ आलू में मिनरल्स काफी होते हैं. इसमें कई तरह के और भी गुण पाए जाते हैं. हम अब कोशिश करेंगे कि इसके उत्पादन में वृद्धि हो.