Members of Parliament: सांसदों को सैलरी के साथ कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं. 1 अप्रैल 2023 से एक नया नियम लागू किया गया था, जिसके तहत सांसदों की सैलरी और दैनिक भत्ते में हर पांच साल के बाद बढ़ोतरी की जाएगी.उत्तराखंड मानसून सत्र में विधायकों और मंत्रियों के व्यक्तिगत सहायक के वेतन में भी बढ़ोतरी की गई है. विधायकों और मंत्रियों के भत्तों में लगभग 30,000 की बढ़ोतरी की गई है.
उत्तराखंड के विधायकों की अब और मौज होने जा रही है, बढ़ती महंगाई को देखते हुए तदर्थ समिति ने विधायकों के वेतन-भत्तों के साथ ही उनके वैयक्तिक सहायक के वेतन में वृद्धि का प्रस्ताव है. अभी तक विधायकों क वेतन भत्ते के रूप में हर महीने लगभग 2.90 लाख रुपये मिलते हैं. क्या आप जानते है कि यूपी और उत्तराखंड के सांसदों को कितनी सैलरी मिलती है. सैलरी के साथ उनको कितनी सुविधाए मिलती हैं.
सांसद पद को पावर आर रुतबे के लिए जाना जाता है. इनके पास कानून को बनाने, बदलने का अधिकार होता है. सरकार की नीतियों की समीक्षा करना हो या आलोचना, सांसद के पास ये अधिकार हैं. सरकार को सलाह देने के साथ, सदन में बहस करना, अंतराष्ट्रीय मामलों में भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों देश का प्रतिनिधितत्व करने का काम भी सांसद करते हैं.
ये है सांसदों की जिम्मेदारियों और अधिकारों की बात, अब यह भी जान लेते हैं कि यूपी-उत्तराखंड के सांसदों को कितनी सैलरी मिलती है और कितनी तरह के भत्ते मिलते हैं? हर राज्य के विधायक-सांसदों का वेतन भी अलग-अलग होता है और वेतन के अलावा भी उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की लंबी लिस्ट होती है. आइए पढ़ते हैं.
यूपी के सांसद को सैलरी के साथ अलग-अलग तरह के भत्ते मिलते हैं. अगर सिर्फ भत्तों को जोड़ा जाए तो वो आंकड़ा सैलरी से कहीं ज्यादा होता है. यूपी के 403 विधायक हैं और उत्तराखंड में 70 विधायक हैं. वहीं अलग-अलग राज्य का आंकड़ा भिन्न है.
यूपी में 80 लोकसभा सीट हैं. उत्तर प्रदेश के विधायकों को 1 लाख 87 हजार रुपये वेतन मिलता है. मिलने वाली सैलरी में सांसदों को हर महीने सैलरी के अलावा अन्य कई तरह का भत्ता भी मिलता है.
यूपी के सांसद को देशभर में यात्रा के लिए मुफ्त यात्रा पास और टोल फ्री सुविधा मिलती है. सांसद आराम से कहीं भी अकेले या परिवार के साथ बस-ट्रेन में सफर कर सकता है. सांसद को अपने निवास या दिल्ली के कार्यालय में टेलिफोन लगवाने पर कोई चार्ज नहीं देना होता है. ये सारा बिल का खर्च सरकार उठाती है.
वहीं, सांसदों और उनके परिवार के सदस्यों का इलाज सरकारी हॉस्पिटल में मुफ्त होता है. यह सुविधाएं उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सहायक होती हैं.
मध्य प्रदेश का देश में दूसरा प्रदेश है जहां सांसदों का मासिक वेतन करीब 2.10 लाख है. तेलंगाना देश का वह राज्य है जहां पर इनकी सैलरी और अलाउंसेज को मिलाकर प्रति माह 2.50 लाख रुपये सैलरी मिलती है.
पूर्व सांसद अगर कोई एक सहयोगी संग ट्रेन में सफर करता है तो दोनों सेकंड AC में फ्री ट्रैवल कर सकते हैं. अगर पूर्व सांसद चाहे तो अकेले फर्स्ट AC में फ्री रेल यात्रा कर सकता है. अगर कोई सांसद 5 साल से अधिक समय तक सांसद रहता है को हर साल 1500 रुपये हर महीने अलग से दिए जाते हैं.