समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का 94 वर्ष में निधन हो गया. वह पांच बार लोकसभा सांसद और चार बार विधायक रह चुके थे. शफीकुर्रहमान बर्क बयानों को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं.
शफीकुर्रहमान ने राजनीति की शुरुआत देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ की थी. बर्क बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी रहे हैं.
शफीकुर्रहमान ने 1996 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद वह तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् इस्लाम के खिलाफ है. मुसलमान इसका पालन नहीं कर सकते हैं.
शफीकुर्रहमान बर्क का एक और विवादित बयान इसमें शामिल है. उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने और इसकी तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से की थी, जिसको लेकर उनकी काफी आलोचना हुई थी.
शफीकुर्रहमान बर्क 5 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. तीन बार वह सपा के सिंबल पर मुरादाबाद से सांसद बने. जबकि 2009 में उन्होंने संभल से परचम लहराया. साल 2019 में साइकिल पर सवार होकर उन्होंने दोबारा संभल से जीत हासिल की.
शफीकुर्रहमान बर्क 4 बार संभल सीट से विधायक भी रहे. सपा सरकार में वह एक बार मंत्री भी रहे हैं. पहली बार वह 1974 से 1977 तक विधायक रहे.इसके बाद 1977 से 1980, 1985 से 1989 तक और 1991 में विधायक रहे.
शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने पोते जियाउर्रहमान बर्क को 2022 में सपा से सीट दिलाई. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने पोते को मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक बनाया.
2023 में लोकसभा में पीएम मोदी ने डॅा शफीकुर्रहमान बर्क की तारीफ की थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान बर्क की सदन के प्रति निष्ठा को लेकर कहा कि 93 साल की उम्र होते हुए भी सदन में बैठे हैं.
सपा ने 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दिया था, लेकिन 27 फरवरी को उनका इंतकाल हो गया. बर्क देश के सबसे बुजर्ग सांसद थे.
2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में शफीकुर्रहमान बर्क को हार का सामना करना पड़ा था.
शफीकुर्रहमान बर्क का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें भाजपा के सांसद हरनाथ सिंह यादव उनकी सेहत का राज पूछते दिखे. बर्क ने कहा कि मैं सिर्फ एक टाइम ही खाता हूं. और वो भी सादी रोटी और दाल या सब्जी के साथ.