AIIMS in UP: यूपी को एक और एम्स मिल गया है. IMS-BHU को एम्स का दर्जा मिल चुका है. इससे अब न सिर्फ वाराणसी और आसपास के जनपदों को बल्कि देश-विदेश से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अच्छी सुविधा मिलेगी. मार्च 2025 से चिकित्सा संस्थान को एम्स के तर्ज पर अनुदान मिलने की संभावना है. फिर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


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दरअसल, एम्स के निदेशक ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सा संस्थानों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं को देखा. इसके बाद IMS के निदेशक एस.एन. शंखवार ने इसकी पुष्टि की. 


मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज
एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान IMS निदेशक ने बताया कि सभी मरीजों के बेहतर इलाज के लिए चिकित्सा संस्था हमेशा तत्पर रही है. अब एम्स का दर्जा मिलने से AIIMS जैसी शैक्षणिक व्यवस्था और आधुनिक व्यवस्थाओं से युक्त इलाज को यहां भी दे पाएंगे. हमारी कोशिश रहेगी कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, नेपाल तक से IMS-BHU इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कहीं और न जाना पड़े. 


स्वास्थ्य मेला का आयोजन
रिपोर्ट्स की मानें तो IMS की तरफ से BHU में 2 और 3 दिसंबर को स्वास्थ्य मेला का आयोजन होने वाला है. इस मेले में मरीजों को लंबी उम्र बनाने के लिए जानकारी दी जाएगी. यह स्वास्थ्य मेला सुबह 10:00 बजे से शुरू होगा. इसमें कई विभागों की ओर से स्टॉल लगाए जाएंगे. वहीं, 4 दिसंबर को IMS के 64वें वार्षिकोत्सव का भी आयोजन होगा. 


कब दिखेगा सकारात्मक नतीजा? 
आपको बता दें, BHU के सर सुंदर दास अस्पताल में इलाज के लिए वाराणसी से ज्यादा जौनपुर, सुल्तानपुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बलिया, चंदौली, भदोही समेत बिहार, झारखंड और नेपाल से इलाज के लिए मरीज आते हैं. चिकित्सा संस्थान के अलग-अलग विभागों की OPD में तकरीबन 8 हजार से ज्यादा मरीज हर रोज चिकित्सा सलाह लेते हैं. इन मरीजों को एम्स का दर्जा मिलने के बाद इसी केंद्र पर बेहतर इलाज मिलेगा. माना जा रहा है कि  मई 2025 तक IMS-BHU के AIIMS दर्जा का सकारात्मक परिणाम जमीन पर भी दिखेगा.


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